Thursday, May 7, 2020

लॉक डाउन का सदुपयोग - रोहित शर्मा, रिसर्च स्कॉलर


        लॉक डाउन  का सदुपयोग   

 



        आज कल की भागदौड़ भरी जिन्दगी में जब हर व्यक्ति अपनी दैनिक आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए दिन रात मशीन की तरह मेहनत कर रहा है, पसीना बहा रहा है । किसी के पास स्वयं के लिए भी पल भर का समय नहीं है, तब लॉक डाउन का समय भारतीय नागरिकों को वरदान स्वरुप प्राप्त हुआ है । हमारे देश में लॉकडाउन प्रथम चरण में २१ दिन तथा दुसरे चरण में १९ दिन के लिए हुआ है । यह सभी को ज्ञात है कि देश इस समय संकट के दौर से गुजर रहा है और हम एक वीर योद्धा की तरह अपने आवश्यक कार्यों का त्याग कर रहे हैं । हम आशावादी लोग हैं जो अवसर का लाभ उठाना भली प्रकार जानते हैं। हमें इस समय को यूँ ही नहीं  गवां देना चाहिए, इसका सदुपयोग करना चाहिए। हमें यह समय कुदरत ने अपने और अपने समाज के विषय में चिंतन और मनन करने के लिए प्रदान किया है । जिसे हम अपने अंदरूनी विकारों को दूर करने व अपनी प्रतिभा को निखारने में प्रयोग कर सकते हैं । हम यह समय नवीन तकनीक की खोज में लगा सकते हैं ।

 

        इस समय चिंता करना और समय को व्यर्थ बहाना किसी के हित में नहीं है । महाराष्ट्र के वाशिम जिले के एक दंपत्ति ने पानी की किल्लत को दूर करते हुए घर में ही २५ फिट गहरा कुआं खोद कर यह साबित कर दिया कि प्रयास किया जाये तो कुछ भी संभव है । कई लोग घर में इंटरनेट की सहायता से भोजन बनाना, पढ़ना, योग, सीख रहे हैं, तो कई लोग पुस्तकों को पढ़ रहे हैं । विशेषज्ञों की माने तो मध्यम जटिलता की आदत को बनाने में या बदलने में २१ दिन का समय लगता है जिसमें यदि हम प्रयास करें तो कोई भी बुरी आदत का त्याग कर सकते हैं और अच्छी आदत को अपना सकते हैं । चाहे वह सुबह जल्दी उठकर व्यायाम करना हो अथवा लिखने और पुस्तकों का अध्ययन की आदत । एक खास बात यह है कि  लॉक डाउन में कोई हमें डिस्टर्ब करने न घर आएगा, न ही हमें कहीं जाना है।

                                                                -रोहित शर्मा
रिसर्च स्कॉलर,
 IFTM विश्वविद्यालय,
 मुरादाबाद, उत्तर प्रदेश, भारत 

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