Monday, September 26, 2022

ग्राम निधि/ग्राम कोष

 

ग्राम निधि/ग्राम कोष 




भूमि का अर्जन, ग्राम निधि तथा सम्पत्ति

पंचायतीराज अधिनियम, 1947 की धारा 32, ग्राम निधि

1- प्रत्येक ग्राम पंचायत के लिए एक ग्राम निधि होगी और वही धारा 41 के अधीन पारित आय-व्यय के आर्थिक तखमीनों (Estimates) व उपबंधों के अधीन रहते हुए, इस अधिनियम या किसी अन्य विधायन (Enactment) के अधीन ग्राम सभा अथवा ग्राम पंचायत अथवा किसी समिति पर आरोपित (Imposed) किये गये कर्तव्यों दायित्वों को निभाने में उपयोग में लाई जाएगी।

परन्तु प्रतिबन्ध यह है कि ऐसी धनराशियों के जोड़ में से जो कि उत्तर प्रदेश जमींदारी विनाश व भूमि व्यवस्था अधिनियम, 1950 के अधीन ग्राम कोष में जमा की गई हो, वह रकम घटाकर, जो रकम कि उक्त अधिनियम की धारा 125-क के अधीन संचित ग्राम कोष में जमा की गई हो, वह रकम जो भूमि प्रबन्धक समिति को प्रत्येक वर्ष अपने कर्तव्यों, तथा दायित्वों के पालन करने के लिए आवश्यक हो उसको दे दी जाएगी।

प्रतिबन्ध यह भी है कि भूमि प्रबंधक समिति का ग्राम पंचायत या ग्राम सभा से इस बात पर मतभेद होने की दशा में कि भूमि प्रबन्धक समिति को कितने रूपये की आवश्यकता है यह मामला प्रधान द्वारा निर्धारित अधिकारी को भेज दिया जाएगा जिसका निर्णय मान्य होगा।

 

2- ग्राम निधि में निम्नलिखित जमा किये जायेंगें -

क- इस अधिनियम के अधीन लगाये गए किसी कर की आय,

ख- राज्य सरकार द्वारा ग्राम पंचायत को दी गई समस्त धनराशियाँ

ग- "विलेज पंचायत एक्ट" के अधीन पहले से विद्यामन विलेख पंचायत के जमा अवशेष (Balance) यदि कोई हो,

घ- समस्त धनराशियाँ जिन्हें न्यायालय या किसी अन्य कानून ने ग्राम निधि में जमा करने की आज्ञा दी हो।

ड़- धारा 104 के अधीन प्राप्त समस्त धनराशियाँ

च- ग्राम पंचायतों के सेवकों द्वारा एकत्र (Collected), धूल, गंदगी, गोबर, कूड़ा, करकट, जिसके अन्तर्गत पशुओं के शव भी सम्मिलित है कि बिक्री से प्राप्त धन,

छ- नजूल की संपत्ति और लगान उसकी अन्य आय का ऐसा भाग जिसे राज्य सरकार ग्राम निधि में जमा किये जाने के निर्देश दे,

ज- जिला पंचायतों अथवा किसी अन्य स्थानीय प्राधिकरण द्वारा ग्राम निधि में अंशदान (Contribution) के रूप में दी गई धनराशियाँ,

झ- ऋण अथवा दान के रूप में दी गई धनराशियाँ,

ञ- ऐसी अन्य धनराशियाँ जो राज्य सरकार की किसी सामान्य अथवा विशेष आज्ञा द्वारा निधि को अभ्यर्पित (Assigned) की जाए,

ट- समस्त धनराशियों, जो धारा 24 अथवा किसी अन्य विधि के अधीन किसी व्यक्ति अथवा निगम (Corporation) अथवा राज्य सरकार ग्राम पंचायत को प्राप्त हुई हो।

ठ- राज्य की संचित निधि से सहायता अनुदान के रूप में प्राप्त समस्त धनराशियाँ।

3- इस धारा को किसी बात का ग्राम पंचायत के किसी ऐसे आभार पर प्रभाव न पड़ेगा जो वैध रूप से उस पर आरोपित या उसके द्वारा स्वीकृत न्यास (Trust) से उत्पन्न होता हो।

4- गाँव निधि में से धन समस्त आहरण और उसका विवरण ग्राम पंचायत के प्रधान और उसके सचिव द्वारा संयुक्त रूप से किया जायेगा।

 

स्त्रोत- उत्तर प्रदेश पंचायतीराज अधिनियम,1947 तथा उत्तर प्रदेश पंचायतीराज नियमावली, 1947

  

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