स्वामित्व योजना
क्या है स्वामित्व योजना?
ग्रामीण भारत के लोगों को उनकी संपत्ति का मालिकाना हक दिलाने और उन्हें आर्थिक रूप से सशक्त बनाने के लिये है सरकार की स्वामित्व योजना।
क्यों आवश्यक है?
भारत की ६०% से अधिक की आबादी गाँव में निवास करती है।
अधिकांश परिवारों के पास आवासीय संपत्ति के कागज़ नहीं हैं।
अधिकांश राज्यों में गाँव की आबादी क्षेत्रों का सर्वे मानव संपत्ति के सत्यापन के दृष्टिकोण से नहीं हुआ है।
मालिकाना हक की गाँव की इस आवश्यकता को पूरा करेगी भारत सरकार की स्वामित्व योजना।
कैसे करेंगें?
योजना में ग्रामीण क्षेत्रों की आवासीय भूमि की पैमाइश ड्रोन तकनीक के द्वारा की जायेगी जो सर्वेक्षण मापन की नवीनतम तकनीक है।
भारतीय सर्वेक्षण विभाग द्वारा ड्रोन से ग्राम सभा की सीमा के भीतर आने वाली प्रत्येक संपत्ति का डिजिटल रूप से नक्शा बनाया जायेगा तथा प्रत्येक राजस्व खंड की सीमाओं का निर्धारण किया जायेगा।
राजस्व विभाग द्वारा सटीक मापन के आधार पर गाँव के प्रत्येक घर का संपत्ति कार्ड बनाया जायेगा।
योजना के प्रचार-प्रसार का कार्य पंचायती राज विभाग द्वारा किया जायेगा।
स्वामित्व योजना के लाभ:-
पंचायतों;-
इससे संपत्ति को कर के दायरे में लाना और पंचायतों द्वारा इसका संग्रह करना संभव होगा।
इस आमदनी से पंचायतें ग्रामीण नागरिकों को बेहतर सुविधा दे पायेंगी।
ड्रोन के उपयोग से ग्राम पंचायत के पास गाँव का सटीक मानचित्र व रिकोर्ड उपलब्ध होगा।
उपलब्ध रिकार्ड का उपयोग कर वसूली, भवन निर्माण हेतु परमिट जारी करने में, अवैध कब्ज़ा समाप्त करने आदि के लिए किया जा सकेगा।
ग्रामीण नागरिक:-
संपत्ति के मालिक को मालिकाना हक प्राप्त होगा।
मालिकाना हक से ग्रामवासी ऋण लेने में सक्षम होंगें।
गाँव के आवसीय क्षेत्र का रिकार्ड बन सकेगा।
संपत्ति के स्पष्ट आंकलन एवं स्वामित्व का निर्धारण होने से उनके मूल्य में भी वृद्धि होगी।
स्त्रोत-पंचायती राज विभाग, भारत सरकार
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