Thursday, October 13, 2022

क्षेत्र पंचायत की रचना

 क्षेत्र पंचायत की रचना 



क्षेत्र पंचायत एक प्रमुख, जो इसका पीठासीन होगा, और निम्नलिखित से मिलकर बनेगी-

क- खण्ड में ग्राम पंचायतों के समस्त प्रधान; 

ख- निर्वाचित सदस्य, जो पंचायत क्षेत्र के प्रादेशिक निर्वाचन क्षेत्रों से प्रत्यक्ष निर्वाचन द्वारा चुने जाएंगें और इस प्रयोजन के लिए, पंचायत क्षेत्र ऐसी रीति से प्रादेशिक निर्वाचन क्षेत्रों में विभाजित किया जाएगा कि प्रत्येक प्रादेशिक निर्वाचन क्षेत्र की जनसँख्या, यथासाध्य, दो हजार होगी:-

ग- लोक सभा के सदस्य और राज्य की विधान सभा के सदस्य जो उन निर्वाचन क्षेत्रों का प्रतिनिधित्व करते हैं जिनमें पुर्णतः या भागतः खंड समाविष्ट है;

घ- राज्य सभा के सदस्य और राज्य की विधान परिषद् के सदस्य जो खंड के भीतर निर्वाचकों के रूप में रजिस्ट्रीकृत हैं।

(2) उपधारा (1) के खंड (क), (ग) और (घ) में उल्लिखित क्षेत्र पंचायत के सदस्यों को प्रमुख या उप-प्रमुख के निर्वाचन और उनके विरुद्ध अविश्वास प्रस्ताव के मामलों को छोड़कर क्षेत्र पंचायत की कार्यवाहियों में भाग लेनें और उसकी बैठकों में मत देने का अधिकार होगा।

(3) उपधारा (1) के खण्ड (ख) में उल्लिखित प्रत्येक प्रादेशिक निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व एक सदस्य द्वारा किया जाएगा।

(4) जिला पंचायत का प्रत्येक निर्वाचित सदस्य जो ऐसे निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करता हो जो पुर्णतः या भागतः किसी क्षेत्र पंचायत के प्रादेशिक क्षेत्र में पड़ता हो, ऐसी क्षेत्र पंचायत की बैठकों में विशेष आमंत्रित के रूप में भाग लेने और विचार व्यक्त करने का हक़दार होगा, किन्तु ऐसी बैठकों में उसे मत देने का अधिकार नहीं होगा।


स्त्रोत- उत्तर प्रदेश क्षेत्र पंचायत तथा जिला पंचायत अधिनियम, 1961 

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