Friday, October 14, 2022

क्षेत्र पंचायत और उसके सदस्यों का कार्यकाल

क्षेत्र पंचायत और उसके सदस्यों 

का कार्यकाल 



1- प्रत्येक क्षेत्र पंचायत, यदि इस अधिनियम के अधीन उसे पहले ही विघटित नहीं कर दिया जाता है तो, अपने प्रथम बैठक के लिए नियत दिनांक से पांच वर्ष की अवधि तक, न कि उससे अधिक, बनी रहेगी।

2- किसी क्षेत्र पंचायत के किसी सदस्य का कार्यकाल, यदि इस अधिनियम के उपबन्धों के अधीन अन्यथा समाप्त न कर दिया जाए तो, क्षेत्र पंचायत के कार्यकाल के अवसान तक होगा।

3- किसी क्षेत्र पंचायत का संघटन करने के लिए निर्वाचन-

(क) उपधारा (1) में विनिर्दिष्ट उसके कार्यकाल के अवसान के पूर्व;

(ख) उसके विघटन के दिनांक से छह मास की अवधि के अवसान के पूर्व;

पूरा किया जाएगा:

प्रतिबन्ध यह है कि जहाँ विघटित क्षेत्र पंचायत की शेष अवधि, जिसके लिए वह बनी रहती, छह मास से कम है वहां ऐसी अवधि के लिए क्षेत्र पंचायत का संघटन करने के लिए इस उपधारा के अधीन कोई निर्वाचन कराना आवश्यक नहीं होगा।

(3-क) इस अधिनियम के किन्हीं अन्य उपबन्धों में किसी बात के होते हुए भी, जहाँ, अपरिहार्य परिस्थितियों के कारण या लोकहित में किसी क्षेत्र पंचायत का संघटन करने के लिए उसके कार्यकाल के अवसान के पूर्व निर्वाचन कराना साध्य नहीं है, वहां राज्य सरकार या उसके द्वारा इस निमित्त प्राधिकृत कोई अधिकारी, आदेश द्वारा प्रशासनिक समिति, जिसमें क्षेत्र पंचायत के सदस्यों के रूप में निर्वाचित किए जाने के लिए, ऐसी संख्या में जैसी वह उचित समझे, अर्ह व्यक्ति होंगें, या प्रशासक, नियुक्त कर सकता है और  प्रशासनिक समिति के सदस्य या प्रशासक छह मास से अनधिक ऐसी अवधि के लिए जैसी कि उक्त आदेश में विनिर्दिष्ट की जाए, पद धारण करेगा और क्षेत्र पंचायत, उसके प्रमुख और समितियों की समस्त शक्तियां, कृत्य और कर्तव्य, यथास्थिति , ऐसी प्रशासनिक समिति या प्रशासन में निहित होंगें और उसके द्वारा उनका प्रयोग, संपादन और निर्वहन किया जाएगा।

4- किसी क्षेत्र पंचायत के कार्यकाल के अवसान के पूर्व उसके विघटन पर संघटित की गयी क्षेत्र पंचायत उस अवधि के केवल शेष भाग के लिए बनी रहेगी, जिस अवधि तक विघटित क्षेत्र पंचायत उपधारा (1) के अधीन बनी रहती, यदि वह इस प्रकार विघटित न की जाती।

5- कोई भी व्यक्ति जो धारा 6 की उपधारा (1) के खण्ड (क), (ग) या (घ) के अधीन क्षेत्र पंचायत का सदस्य हो उस पद पर, जिसके आधार पर वह ऐसा सदस्य बना था, न रहने पर सदस्य न रहेगा। 

9- प्रमुख का कार्यकाल -

 1- इस अधिनियम में की गई अन्यथा व्यवस्था के अधीन रहते हुए किसी क्षेत्र पंचायत के प्रमुख का कार्यकाल उसके निर्वाचित होते ही प्रारम्भ हो जाएगा और क्षेत्र पंचायत के कार्यकाल तक रहेगा:

2- जब प्रमुख का पद रिक्त हो तब प्रमुख का निर्वाचन होने तक जिला मजिस्ट्रेट आदेश द्वारा प्रमुख कृत्यों का निर्वाह करने के लिए ऐसी व्यवस्था कर सकते है जिसे वह ठीक समझे।

9- क - कुछ मामलों में अस्थायी व्यवस्था -

जब प्रमुख अनुपस्थिति, बीमारी अथवा अन्य किसी कारण से अपने कृत्यों का निर्वहन करने करने में असमर्थ हो तब जिस दिनांक तक प्रमुख अपना पदभार फिर से न ग्रहण कर ले, उस दिनांक तक जिला मजिस्ट्रेट आदेश द्वारा प्रमुख के कृत्यों का निर्वहन करने के लिए ऐसे व्यवस्था कर सकता है, जिसे वह ठीक समझे।

10- क्षेत्र पंचायत का संघटन तथा पुनर्संघटन 

1- राज्य सरकार प्रत्येक खण्ड के लिए प्रथम क्षेत्र पंचायत के संघटन का और उसके कार्यकाल की समाप्ति के पूर्व अथवा जब इस अधिनियम के प्रयोजनों के लिए अन्यथा अपेक्षित हो उसके पुनर्संघटन का प्रबन्ध धारा 6 के उपबन्धों को ध्यान में रखते हुए करेगी। 


स्त्रोत- उत्तर प्रदेश क्षेत्र पंचायत तथा जिला पंचायत अधिनियम, 1961

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