Sunday, November 27, 2022

"जिला पंचायत की रचना"

 "जिला पंचायत की रचना"



1-जिला पंचायत एक अध्यक्ष, जो उसका पीठासीन होगा और निम्नलिखित से मिलकर बनेगी:-


(क) जिले के समस्त क्षेत्र पंचायत के प्रमुख;

(ख) निर्वाचित सदस्य, जो जिला पंचायत के प्रादेशिक निर्वाचन क्षेत्रों से प्रत्यक्ष निर्वाचन द्वारा चुने जाएंगें और इस प्रयोजन के लिए पंचायत  क्षेत्र ऐसी रीती से प्रादेशिक निर्वाचन क्षेत्रों में विभाजित किया जाएगा कि प्रत्येक प्रादेशिक निर्वाचित क्षेत्र की जनसँख्या, यथासाध्य, पचास हजार होगी:

(ग) लोक सभा के सदस्य और राज्य की विधान सभा के सदस्य जो उन निर्वाचन क्षेत्रों का प्रतिनिधित्व करते हैं, जिनमें पंचायत क्षेत्र का कोई भाग समाविष्ट है;

(घ) राज्य सभा के सदस्य और राज्य की विधान परिषद् के सदस्य जो पंचायत क्षेत्र के भीतर निर्वाचकों के रूप में रजिस्ट्रीकृत हैं। 

2- उपधारा (1) के खण्ड (क), (ग़) और (घ) में उल्लिखित जिला पंचायत के सदस्यों को अध्यक्ष के निर्वाचन और उसके विरुद्ध अविश्वास प्रस्ताव मामलों को छोड़कर जिला पंचायत की कार्यवाही में भाग लेने और उसकी बैठकों में मत देने का अधिकार होगा।

3- उपधारा (1) के खण्ड (ख) में उल्लिखित प्रत्येक प्रादेशिक निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व एक सदस्य द्वारा किया जाएगा।

4- किसी जिला पंचायत के प्रादेशिक निर्वाचन क्षेत्रों का परिसीमन नियत रीती से किया जा सकता है और यदि आवश्यक हो तो इस सम्बन्ध में नियम भूतलक्षी प्रभाव से, किन्तु उत्तर प्रदेश पंचायत विधि (संशोधन) अधिनियम, 1994 के प्रारम्भ के दिनांक के पूर्व से नहीं बनाए जा सकते हैं।

उत्तर प्रदेश (क्षेत्र पंचायत तथा जिला पंचायत) अधिनियम, 1961 के अनुसार 

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