Tuesday, April 26, 2022

ग्राम पंचायत के कार्यों से सम्बंधित ग्यारवीं अनुसूची में वर्णित 29 विषय

ग्राम पंचायत के कार्यों से सम्बंधित 

 ग्यारवीं अनुसूची में वर्णित 29 विषय 


        ग्राम पंचायतों द्वारा किये जाने वाले कार्य संयुक्त प्रान्त पंचायत राज अधिनियम, 1947 की धारा 15 के अनुसार किये जाते हैं जिसमें 11वीं अनुसूची के अनुच्छेद 243 -छ में 29 विषयों का उल्लेख किया गया है| इन्हीं शर्तों के अंतर्गत जिस प्रकार राज्यों की निर्देशानुसार प्रत्येक ग्राम पंचायत निम्नलिखित कार्यों का संपादन कर सकती है:-

 

1- कृषि जिसके अंतर्गत कृषि का विस्तार भी है:-

*कृषि और बागवानी का विकास और प्रोन्नति।

*बंजर भूमि और चारागाह भूमि का विकास और उनके अनधिकृत संक्रमण और प्रयोग की रोकथाम करना।

 

2- भूमि विकास, भूमि सुधार का क्रियान्वयन, चकबंदी और भूमि संरक्षण:-

* भूमि विकास, भूमि सुधार और भूमि संरक्षण में सरकार और अन्य एजेंसियों को सहायता करना।

* भूमि चकबंदी में सहायता करना।

 

3- लघु सिंचाई, जल व्यवस्था और जल आच्छादन विकास:-

* लघु सिंचाई परियोजना से जल वितरण में प्रबंधन और सहायता करना।

* लघु सिंचाई परियोजनाओं का निर्माण, मरम्मत और अनुरक्षण सिंचाई के उद्देश्य से जलापूर्ति का विनियमन।

 

4- पशु पालन दुग्ध उद्योग और कुटकुट पालन:-

* पालतू जानवरों, कुटकुट और अन्य पशुधन की नस्लों का सुधार करना।

दुग्ध उद्योग, कुटकुट पालन, सुअर पालन इत्यादि की प्रोन्नति।

 

5- मतस्य पालन:-

* गाँव में मतस्य पालन का विकास करना।

 

6- सामाजिक और कृषि वानिकी:-

* सड़कों और सार्वजनिक भूमि के किनारों पर वृक्षारोपण और परिरक्षण।

* सामाजिक और कृषि वानिकी और रेशम उत्पादन का विकास और प्रोन्नति।

 

7- लघु वन उत्पादन:-

* लघु वन उत्पादन की प्रोन्नति और विकास।

 

8- लघु उद्योग एवं खाद्य प्रसंस्करण:-

* लघु उद्योगों के विकास में सहायता करना।

* स्थानीय व्यापारों की प्रोन्नति।

 

9- कुटीर एवं ग्राम उद्योग:-

* कृषि और वाणिज्यिक उद्योगों के विकास में सहायता करना।

* कुटीर उद्योगों में प्रोन्नति।

 

10 - ग्रामीण आवास:-

* ग्रामीण आवास कार्यक्रमों का क्रियान्वयन।

* आवास स्थलों का वितरण और उनसे सम्बंधित अभिलेखों का अनुरक्षण।

 

11 - पेयजल:-

* पीने का पानी, कपड़े धोने का पानी, स्नान करने के प्रयोजनों के लिए जल सम्भरण के लिए सार्वजानिक कुँए, तालाबों और पोखरों का निर्माण, मरम्मत और अनुरक्षण और पीने के प्रयोजनों के लिए जल सम्भरण के स्त्रोतों का विनियमन।

 

12- ईंधन और चारा भूमि:-

* ईंधन और चारा भूमि से सम्बंधित घास और पौधों का विकास।

* चारा भूमि को अनियमित अंतरण पर नियन्त्रण।

 

13- सड़कें, पुलिया, पुलों,नौका घाट, जल मार्ग और पौधों का विकास:-

* ग्राम सड़कों, पुलियों, पुलों और नौका घाटों का निर्माण और अनुरक्षण।

* जल मार्गों का अनुरक्षण।

* सार्वजानिक स्थानों पर से अतिक्रमण को हटाना।

 

14- ग्रामीण बिजलीकरण:-

* सार्वजानिक मार्गों और अन्य स्थानों पर प्रकाश उपलब्ध कराना और अनुरक्षण करना।

 

15- गैर पारंपरिक ऊर्जा स्त्रोत:-

*ग्राम सभा में गैर पारंपरिक ऊर्जा स्त्रोतों के कार्यक्रमों का विकास, प्रोन्नति और उनका अनुरक्षण।

 

16- गरीबी उपशमन कार्यक्रम:-

*गरीबी उपशमन कार्यक्रमों की प्रोन्नति और क्रियान्वयन।

 

17- शिक्षा जिसके अन्तर्गत प्रारंभिक और माध्यमिक विद्यालय भी हैं:-

* शिक्षा के बारे में जागरूकता एवं बालिका शिक्षा पर सार्वजनिक चेतना।

 

18- तकनीकी प्रशिक्षण और व्यावसायिक शिक्षा:-

* ग्रामीण कला और शिल्पकारी की प्रोन्नति।

 

19- प्रौढ़ और अनौपचारिक शिक्षा:-

*  प्रौढ़ शिक्षा की प्रोन्नति।

    

20- पुस्तकालय:-

* पुस्तकालयों और वाचनालयों की स्थापना और अनुरक्षण।

 

21- खेलकूद और सांस्कृतिक कार्य:-

* सामाजिक और सांस्कृतिक क्रियाकलापों की प्रोन्नति।

* विभिन्न त्योहारों पर सांस्कृतिक संगोष्ठियों का आयोजन।

* खेलकूद के लिए ग्रामीण क्लबों की स्थापना और अनुरक्षण।

 

22- बाजार और मेले:-

* पंचायत क्षेत्र में मेलों, बाजारों और हाटों का विनियमन।

 

23- चिकित्सा और स्वच्छता:-

* ग्रामीण स्वच्छता की प्रोन्नति।

* महामारियों के विरुद्ध रोकथाम।

* मनुष्य और पशु टीकाकरण के कार्यक्रम।

* छुट्टा पशु पशुधन के विरुद्ध निवारक कार्यवाही।

* जन्म, मृत्यु और विवाह का रजिस्ट्रेशन।

 

24- परिवार कल्याण:-

* परिवार कल्याण कार्यक्रमों की प्रोन्नति और क्रियान्वयन।

 

25- आर्थिक विकास के लिए योजना:-

* ग्राम पंचायतों के क्षेत्र के आर्थिक विकास के लिए योजना तैयार करना।

 

26- प्रसूति और बाल विकास:-

* ग्राम पंचायत स्तर पर महिला एवं विकास कार्यक्रमों के क्रियान्वयन में भाग लेना।

* बाल स्वास्थ्य और पोषण कार्यक्रमों में प्रोन्नति।

 

27- समाज कल्याण जिसके अंतर्गत वृद्ध, विकलांग और मानसिक रूप से मंद व्यक्तियों का कल्याण भी है:-

* वृद्धावस्था और विधवा पेंशन योजनाओं में सहायता करना।

* विकलांगों और मानसिक रूप से मंद व्यक्तियों के कल्याण को सम्मिलित करते हुए समाज कल्याण कार्यक्रमों में भाग लेना।

 

28- कमजोर वर्गों और विशिष्टतय: अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों का कल्याण:-

* अनुसूचित जातियों, अनुसूचित जनजातियों और समाज के अन्य कमजोर वर्गों के लिए विशिष्ट कार्यक्रमों में भाग लेना।

*सामाजिक न्याय के लिए योजनाओं की तैयारी और क्रियान्वयन।

 

29- सार्वजानिक वितरण प्रणाली:-

* अत्यंत आवश्यक वस्तुओं के वितरण के सम्बन्ध में सार्वजानिक चेतना की प्रोन्नति।

* सार्वजानिक वितरण प्रणाली का अनुश्रवण।   

No comments:

Post a Comment