अध्याय -६
जोखिम निवारण निधि
(Vulnerability Reduction Fund)
जोखिम निवारण निधि अति गरीब सदस्य को आकस्मिकता अथवा विषम परिस्थितियों में प्रदान किया जाता है/ जिससे अति गरीब परिवार, दुर्बल/विषम/कठिन परिस्थितियों से बाहर आ सके और समूह से ऋण लेने में सक्षम हो सकें।
समूह के सदस्यों हेतु
इस निधि से समूह के सदस्यों को जोखिम एवं आकस्मिकता (जैसे:- खाद्य सुरक्षा, स्वास्थ्य सुरक्षा आदि) हेतु दिया जाता है। यह धनराशि जोखिम के समय लोगों की जरुरत के अनुसार तत्काल राहत के तौर पर उपलब्ध करायी जाती है और ग्राम संगठन द्वारा निर्धारित न्यूनतम ब्याज/ब्याज रहित किस्तों में वापस भी ली जाती है।
गैर समूह सदस्य हेतु
समूह सदस्य के अतिरिक्त ग्राम का कोई व्यक्ति विषम परिस्थितियों में वित्तीय सहायता हेतु ग्राम संगठन को अपना प्रार्थना पत्र प्रस्तुत करता है, ग्राम संगठन उपसमिति के साथ पत्र पर एक दिन के अन्दर ही मूल्यांकन उपरान्त प्रार्थना पत्र को स्वीकृत करके उपयुक्त धनराशि निर्गत कर देती है।
६.२ जोखिम निवारण निधि हेतु धनराशि का निर्धारण:-
यह निधि(वी.आर.एफ.) सामुदायिक बचत निधि का हिस्सा होती है। प्रत्येक ग्राम संगठन हेतु वी.आर.एफ. की धनराशि उसके सदस्यों की संख्या (समूहों) के द्वारा निर्धारित होती है। सामान्य सदस्यों हेतु रूपये 1,500 अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति के सदस्यों हेतु रूपये 2250/- एक विशेष आदिवासी सदस्य हेतु रूपये 3000/-की दर से प्रति सदस्य की धनराशि निश्चित होती है।
६.३ प्रथम क़िस्त का वितरण- कुल धनराशि का 60 प्रतिशत
ग्राम संगठन 6 माह से सक्रीय रूप (बैंक खाता खुला हो, नियमित बैठक, कार्यकारिणी समिति का गठन एवं लेखांकन पुस्तिकाओं का नियमित रूप से लिखा जाना) से कार्य कर रहा हो।
जोखिम निवारण निधि उपसमिति/सामाजिक जागरूकता समिति का गठन एवं प्रशिक्षण हो गया हो। यदि जरुरत हो तो जोखिम न्यूनीकरण निधि हेतु ग्राम संगठन पृथक से बैंक खाता खुलवा सकता है।
६.४ दूसरी क़िस्त का वितरण:-
ग्राम संगठन द्वारा सफलतापूर्वक, प्रथम क़िस्त की धनराशि का 60 प्रतिशत राशि का उपयोग अपने जोखिम पूर्ण सदस्यों में किया गया हो।
आपातकालीन/विषम स्थिति में दुर्घटना, अचानक बीमारी/अस्पताल में भर्ती, मृत्यु आदि।
* सदस्य अपने समूह में जरुरत के अनुसार मांग करेगी
* समूह के पदाधिकारी मांग को तुरन्त अनुमोदित करते हुए मांग को लेकर, ग्राम संगठन सचिव/सामाजिक कार्य समिति/जोखिम निवारण निधि समिति के पास जाएगी।
* ग्राम संगठन की उपसमिति एवं सचिव तत्कालीन जरुरत का विश्लेषण करते हुए, तुरंत सहायता के रूप में रूपये 5000/-की धनराशि निर्गत कर सकते हैं (यह धनराशि कम या ज्यादा हो सकती है-ग्राम संगठन, निर्गत की जाने वाली धनराशि का निर्धारण कर सकती है एवं अधिकृत उपसमिति या सचिव इस धनराशि को निर्गत कर सकते हैं)
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