अध्याय-3
ग्राम सभा
बैठक की अवधि - ग्राम पंचायत की बैठक समय-समय पर होगी किन्तु किन्हीं दो बैठकों के बीच का अन्तराल तीन महीने से अधिक का नहीं होगा। (धारा-3)
बैठकों का आयोजन 1-ग्राम सभा की बैठक की सूचना ग्राम पंचायत कार्यालय में चिपका कर दी जायेगी और इसे डुगडुगी पिटवा कर अथवा यथाविहित प्रचार के अन्य माध्यमों से जनता की जानकारी में लाया जाएगा।
2- ग्राम सभा की बैठक के आयोजन और संचालन की प्रक्रिया वही होगी जो विहित की जाए।
3- इस अधिनियम के अधीन यथानिर्दिष्ट अन्तराल पर नियमित रूप से ग्राम सभा की बैठक का आयोजन करने का दायित्व मुखिया का होगा। यदि वह यथा विनिर्दिष्ट रीति से बैठक का आयोजन नहीं कर पाता हो तो पंचायत समिति के कार्यपालक पदाधिकारी की जानकारी में इस तथ्य के लाये जाने पर वह ऐसी बैठक का आयोजन कर सकेगा। कार्यपालक पदाधिकारी ऐसी बैठक में भाग लेने हेतु अपने स्थान पर किसी सरकारी सेवक को प्रतिनियुक्त कर सकेगा। (धारा-4)
5- गणपूर्ति (कोरम)
1- किसी बैठक की गणपूर्ति (कोरम) ग्राम सभा के कुल सदस्यों के बीसवें भाग से पूरी होगी।
2- किसी बैठक के लिए नियत समय पर यदि गणपूर्ति (कोरम) नहीं होती हो, अथवा यदि बैठक आरम्भ हो जाये और गणपूर्ति की कमी की और ध्यान आकृष्ट किया जाये तो ऐसी स्थिति में पीठासीन प्राधिकारी एक घंटा तक प्रतीक्षा करेगा और यदि उस अवधि के भीतर भी गणपूर्ति नहीं होती हो तो पीठासीन प्राधिकारी उस बैठक को अगले दिन अथवा आने वाले किसी ऐसे समय के लिए, जो उसके द्वारा निर्धारित किया जायेगा, स्थगित कर देगा, गणपूर्ति के चलते स्थगित ऐसी बैठक में यदि निर्धारित विषय पर विचार नहीं हो सका हो तो स्थगित बैठक के बाद की बैठक अथवा बैठकों के समक्ष उसे रखा और निष्पादित किया जायेगा जिसके लिए गणपूर्ति ग्राम सभा के कुल सदस्यों के चालीसवें भाग से पूरी होगी। (धारा-5)
6- पीठासीन पदाधिकारी- ग्राम सभा की प्रत्येक बैठक की अध्यक्षता सम्बद्ध ग्राम पंचायत का मुखिया और उसकी अनुपस्थिति में उप-मुखिया करेगा।
7- विचारणीय विषय- ग्राम सभा निम्नलिखित विषयों पर विचार करेगी:-
क- ग्राम पंचायत का वार्षिक लेखा विवरण, पूर्ववर्ती वित्तीय वर्ष का प्रशासनिक प्रतिवेदन और इसके सम्बन्ध में दी गई पिछली अंकेक्षण टिप्पणी और उसके उत्तर, यदि कोई हों;
ख- अगले वित्तीय वर्ष के लिए ग्राम पंचायत का बजट,
ग- ग्राम पंचायत के विकास कार्यक्रमों के सम्बन्ध में पूर्ववर्ती वर्ष का प्रतिवेदन और चालू वर्ष के दौरान शुरू किये जाने वाले प्रस्तावित विकास कार्यक्रम,
घ- निगरानी समिति के प्रतिवेदन,
ड.- वार्ड सभा की अनुशंसाएं
च- अगर ग्राम सभा की राय में किसी वार्ड से सम्बंधित कोई महत्त्वपूर्ण योजना वार्ड सभा की कार्यवाही में सम्मिलित नहीं की गयी है, तो ग्राम सभा ऐसी योजनाओं पर भी विचार कर सकेगी।(धारा-7)
8- संकल्प- इस अधिनियम के अधीन ग्राम सभा को सुपुर्द विषयों से सम्बंधित किसी संकल्प को ग्राम सभा की बैठक में उपस्थित एवं मतदान में भाग लेने वाले सदस्यों के बहुमत से पारित किया जाएगा। (धारा-8)
9- कृत्य- ग्राम सभा निम्नलिखित कृत्यों का संपादन करेगी:-
क- गाँव से सम्बंधित विकास स्कीमों के क्रियान्वयन में सहायता प्रदान करना।
ख- गाँव के विकास स्कीमों का क्रियान्वयन करने के लिए लाभान्वित होने वालों की पहचान करना।
परन्तु यदि समुचित समय के भीतर ग्राम सभा लाभान्वित होने वालों की पहचान करने में विफल रहती हो, तो ग्राम पंचायत ऐसे लाभान्वित की पहचान करेगी;
ग- सामुदायिक कल्याण कार्यक्रमों के लिए नकद या जिस में दोनों रूप में अंशदान और स्वैच्छिक श्रमदान का सहयोग प्राप्त करना;
घ-गाँव के भीतर जन शिक्षा और परिवार कल्याण कार्यक्रमों में सभी तरह के सहयोग देना;
ड. गाँव में समाज के सभी वर्गों के बीच एकता और सौहार्द बढ़ाना;
च- ग्राम पंचायत के मुखिया, उप-मुखिया और सदस्यों से किसी विशिष्ट क्रियाकलाप, स्कीम, आय और व्यय के सम्बन्ध में स्पष्टीकरण मांगना,
छ- निगरानी समिति के प्रतिवेदन के संदर्भ में विचार-विमर्श करना एवं उपयुक्त कार्यवाही हेतु अनुशंसा करना।
ज- ऐसे अन्य विषय जो विहित किये जायें।
झ- वार्ड सभाओं के प्रतिवेदन/अनुशंसाओं के सम्बन्ध में विचार-विमर्श करना एवं समुचित कार्यवाही हेतु ग्राम पंचायत को अनुशंसा करना। (धारा-9)
10-निगरानी समिति- ग्राम पंचायत के कार्यों, स्कीम और अन्य कार्य-कलापों, जो उस ग्राम से सम्बंधित हों का पर्यवेक्षण करने और सनसे सम्बंधित रिपोर्ट बैठक में प्रस्तुत करने के लिए ग्राम सभा एक या अधिक निगरानी समितियां भी गठित कर सकेगी, जिसमें वैसे व्यक्ति रहेंगें जो ग्राम पंचायत के सदस्य नहीं हों। (धारा-10)
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