Sunday, September 15, 2024

ग्राम पंचायत एवं उसके पदाधिकारी तथा उनका निर्वाचन, (उत्तराखण्ड राज्य)

ग्राम पंचायत एवं उसके पदाधिकारी तथा
उनका निर्वाचन

 ग्राम पंचायत का प्रधान और उप प्रधान 
            ग्राम पंचायत का एक प्रधान और एक उप प्रधान होगा जो क्रमशः उसके अध्यक्ष और उपाध्यक्ष होंगें प्रधान और उप प्रधान का निर्वाचन आदि ऐसे होंगें जैसा विहित किया जाये

-:ग्राम पंचायतों में अनुसूचित जातियों, अनुसूचित जनजातियों, पिछड़े वर्गों महिलाओं के पदों में आरक्षण की व्यवस्था:-

            प्रत्येक ग्राम पंचायत में अनुसूचित जातियों, अनुसूचित जनजातियों और पिछड़े वर्ग के लिए स्थान आरक्षित किये जायेंगें और इस प्रकार आरक्षित स्थानों की संख्या का अनुपात, ग्राम पंचायतों में स्थाओं की कुल संख्या में यथासंभव वाही होगा जो पंचायत क्षेत्र में अनुसूचित जातियों की या पंचायत क्षेत्र में अनुसूचित जनजातियों की या पंचायत क्षेत्र में पिछड़े वर्गों की जनसँख्या का अनुपात ऐसे क्षेत्र की कुल जनसँख्या में हो ऐसे स्थान किसी ग्राम पंचायत के विभिन्न प्रादेशिक निर्वाचन क्षेत्रों में ऐसे क्रम में चक्रानुक्रम में आवंटित किये जायेंगें, जैसा नियत किया जाए;

            परन्तु यह कि यदि पिछड़े वर्गों के लिए आरक्षण ग्राम पंचायत में कुल स्थानों की संख्या के (चौदह) प्रतिशत से अधिक नहीं होगा;

            परन्तु यह और कि यदि पिछड़े वर्गों की जनसंख्या के आंकड़ें उपलब्ध नहीं हो तो, नियत रीति सर्वेक्षण कर जनसँख्या ज्ञात की जा सकेगी;

            परन्तु यह और भी कि कुल आरक्षित स्थाओं में से आधे से अन्यून स्थान अनुसूचित जातियों, अनुसूचित जन जातियों और पिछड़े वर्गों की महिलाओं के लिये आरक्षित होंगें

(२) उपधारा (१) के त्रितय परन्तुक के अध्यधीन किसी ग्राम पंचायत में कुल स्थाओं की संख्या के आधे से अन्यून स्थान महिलों के लिए आरक्षित रहेंगें और ऐसे स्थान किसी ग्राम पंचायत के विभिन्न प्रादेशिक निर्वाचन क्षेत्रों में ऐसे क्रम में चक्रानुक्रम में आवंटित किये जायेंगें, जैसा नियत किया जाए

स्पष्टीकरण:- 
            इस धारा में उपबन्धित कोई बात अनुसूचित जातियों, अनुसूचित जनजातियों और पिछड़े वर्गों के व्यक्तियों  और महिलाओं  को अनारक्षित स्थानों से निर्वाचन लड़ने से निवारित नहीं करेगी

ग्राम पंचायत और उसके पदाधिकारियों का कार्यकाल:- 

१) प्रत्येक ग्राम पंचायत यदि उन्हें इस अधिनियम के उपबंधों के अधीन पहले ही विघटित नहीं कर दिया जाता है तो अपनी प्रथम बैठक की तारीख से पांच वर्ष की अवधि तक, न की उससे अधिक, बनी रहेगी

२) किसी ग्राम पंचायत के किसी सदस्य का कार्यकाल यदि इस अधिनियम के उपबंधों के अधीन अन्यथा समाप्त नहीं कर दिया जाए तो सम्बंधित पंचायत के कार्यकाल के अवसान तक होगा

३ ) इस अधिनियम में की गई अन्यथा व्यवस्था के अधीन रहते हुए, किसी पंचायत के प्रधान, उप प्रधान का कार्यकाल सम्बंधित पंचायत के कार्यकाल तक रहेगा

निर्वाचन की पद्धति:-  किसी ग्राम पंचायत के प्रधान तथा सदस्य के पद के लिए निर्वाचन गुप्त मतदान प्रणाली अथवा ई.वी.एम. द्वारा होगा;
 
            परन्तु यह कि पंचायतों को इस धारा में उल्लिखित पद धारियों का निर्विरोध निर्वाचन करने के लिये निवारित नहीं करेगी

ग्राम पंचायत के निर्वाचन का अधीक्षण एवं राज्य निर्वाचन आयोग का गठन इत्यादि:- 

१) ग्राम पंचायत के प्रधान, उप प्रधान, सदस्य के निर्वाचन का संचालन, अधीक्षण, निर्देशन और नियंत्रण राज्य स्तर पर गठित राज्य निर्वाचन आयोग में निहित होगा

२) राज्य निर्वाचन आयोग के अधीक्षण, निर्देशन और नियंत्रण के अधीन रहते हुए, राज्य निर्वाचन आयुक्त, प्रधान, उप प्रधान तथा सदस्य के पद हेतु संचालन का पर्यवेक्षण और उससे सम्बंधित समस्त कृत्यों का संपादन करेंगें

३) राज्य सरकार, राज्य निर्वाचन आयोग के परामर्श से, अधिसूचना द्वारा किसी ग्राम पंचायत के प्रधान, उप प्रधान तथा सदस्य के सामान्य निर्वाचन या उप-निर्वाचन के लिए तारीख या तारीखों को नियत कर सकेगी

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