Tuesday, April 25, 2023

स्वच्छ भारत मिशन (ग्रा.)

स्वच्छ भारत मिशन (ग्रा.) 

उल्लेखनीय उपलब्धियां-स्वच्छ भारत मिशन (ग्रा.) 



प्रथम चरण 

- 2.18 करोड़ शौचालय का निर्माण 

- वित्तीय वर्ष 2017-18 

- स्वच्छ सर्वेक्षण ग्रामीण- सिटिजन फीडबैक श्रेणी में राष्ट्रीय स्तर पर प्रथम स्थान 

- राष्ट्रीय स्तर पर स्वच्छता कार्यक्रम हेतु आयोजित हुये स्कॉच अवार्ड प्रतियोगिता में रजत पदक

- नेशनल रूरल सैनिटेशन सर्वे में उत्कृष्ट प्रदर्शन के आधार पर राज्य को 735 करोड़ रूपये का अतिरिक्त आवंटन प्राप्त हुआ

- वित्तीय वर्ष 2018-19 एवं 2019-20 स्वच्छ सर्वेक्षण ग्रामीण-सिटिजन फीडबैक श्रेणी में राष्ट्रीय स्तर पर प्रथम स्थान 

- वित्तीय वर्ष 2020-21 

- गरीब कल्याण योजनान्तर्गत सामुदायिक स्वच्छता श्रेणी में राष्ट्रीय स्तर पर प्रथम स्थान 

- स्वच्छ सुन्दर सामुदायिक शौचालय स्तर पर दूसरा स्थान 

- गंदगी मुक्त भारत में प्रथम स्थान 

- गरीब कल्याण योजनान्तर्गत प्रदेश के जनपद प्रयागराज, हरदोई एवं फतेहपुर को निर्धारित अवधि में सर्वाधिक सामुदायिक शौचालय निर्माण हेतु राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त हुआ


प्रथम चरण में पंचायत के माननीय जन प्रतिनिधियों का अतुलनीय योगदान 

- मांग सृजन 

- समुदाय का व्यवहार परिवर्तन

- सामुदायिक भागीदारी 

- शौचालय निर्माण व गुणवत्ता सुनिश्चित करना 

- अनुश्रवण एवं मूल्यांकन  

स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) 

द्वितीय चरण 20-2021 से 24-2025 

मुख्य उद्देश्य 

-ग्रामों के ओ.डी.एफ. की स्थिति को बनाए रखना 

-ग्रामों में ठोस एवं तरल अपशिष्ट प्रबंधन गतिविधियों के माध्यम से स्वच्छता के स्तर में सुधार करना 

-ग्रामों को ओ.डी.एफ.प्लस का स्तर प्राप्त कराना

-खुले में शौच मुक्त (ओ.डी.एफ.) ग्राम के स्थायित्व को बनाये रखते हए ओ.डी.एफ. प्लस अभियान में जन समुदाय को जोड़ना

-पर्यावरण स्वच्छता को बेहतर एवं स्थायी बनाना 


अवधि 2020-21 से 2024-25 

वित्तीय व्यवस्था-केंद्र और राज्य सरकारों की विभिन्न योजनाओं के वित्त पोषण और विभिन्न योजनाओं के बीच कनवर्जंस 

स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) द्वितीय चरण- मुख्य घटक 

-व्यवहार परिवर्तन एवं सामुदायिक अभिप्रेरण  

-व्यक्तिगत शौचालय निर्माण 

-शौचालय मरम्मत/रेट्रोफिटिंग 

-सामुदायिक स्वच्छता परिसर 

-ठोस अपशिष्ट प्रबन्धन (Solid Waste Management)

-तरल अपशिष्ट प्रबंधन (Liquid Waste Management) 

-मलीय कीचड़ प्रबंधन (Fecal Waste Management)

-मासिक धर्म अपशिष्ट प्रबंधन (Mentrual Waste Management)


प्रस्तावित मुख्य गतिविधियाँ 

1- प्रत्येक परिवार के पास शौचालय की उपलब्धता/सुलभता 

नये पात्र परिवार में शौचालय निर्माण अथवा सामुदायिक शौचालय का प्रयोग 

सामुदायिक स्वच्छता परिसर का निर्माण एवं शासनादेश 15 जुलाई के अनुरूप अनुश्रवण 

अक्रियाशील व्यक्तिगत शौचालय को क्रियाशील  शौचालय परिवर्तन 

पूर्व निर्मित शौचालयों में सुरक्षित तकनीक के अनुरूप इन्हें प्रयोग योग्य बनाया जाना (रेट्रोफिटिंग)

ग्राम पंचायत के प्रत्येक सदस्य द्वारा शौचालय का प्रयोग सुनिश्चित करना 


2- ठोस एवं तरल अपशिष्ट प्रबंधन 

- ठोस अपशिष्ट प्रबंधन-पिट कम्पोस्टिंग, बिन कम्पोस्टिंग, नाडेप, हीप कम्पोस्टिंग, विंड्रो कम्पोस्टिंग, वर्मी कम्पोस्टिंग एवं बायोगैस इकाई इत्यादि 

- तरल अपशिष्ट प्रबंधन-सोख्ता गड्ढा, लीच पिट, किचेन गार्डेन, डबलूएसपी तकनीकी, डकविड तकनीकी इत्यादि 

- प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबंधन-प्रयोग पर प्रतिबन्ध, संग्रहण, मार्किट लिंकेज, रिसाइकिलिंग तथा लैंड फिलिंग 

- गोबर गैस धन सम्बंधित गतिविधियाँ 

- मलीय कचरा प्रबंधन-लीच पिट सफाई/रीयूज़ एवं सेफ्टिक टैंक/ कला पानी प्रबंधन    

- मासिक धर्म अपशिष्ट प्रबंधन-इन्सनीरेटर आदि का निर्माण 


वित्तीय प्राविधान-स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) द्वितीय चरण

ठोस एवं तरल अपशिष्ट प्रबंधन 

5000 की जनसँख्या तक 

        ठोस अपशिष्ट प्रबंधन रु.60/- प्रति व्यक्ति तक 

        ग्रे वॉटर प्रबंधन रु. 280/- प्रति व्यक्ति तक 

5000 से अधिक जनसँख्या तक:

        ठोस अपशिष्ट प्रबंधन रु. 45/- प्रति व्यक्ति तक 

        ग्रे वॉटर प्रबंधन रु. 660/- प्रति व्यक्ति तक 

प्रत्येक गाँव अपने ठोस एवं तरल अपशिष्ट प्रबंधन के लिये अपनी आवश्यकताओं के आधार पर न्यूनतम 1,00,000 तक व्यय कर सकता है


गाँव में ठोस अपशिष्ट के लिये मात्राकृत धनराशि में से बचत की स्थिति में आवश्यतानुसार तरल अपशिष्ट के लिये एवं तरल अपशिष्ट के लिये मात्राकृत धनराशि में से बचत की स्थिति में आवश्यकतानुसार ठोस अपशिष्ट के लिये किया जा सकेगा।

प्लास्टिक कचरा प्रबंधन इकाई (प्रत्येक विकास खंड में एक)- प्राविधानिक धनराशि -प्रति इकाई रु. 16 लाख तक 

मल गाद प्रबंधन/फिकल स्लज मनेजमेंट (FSM) प्राविधानिक धनराशि रु. 230/प्रति व्यक्ति तक 

गोबर धन (GOBAR-Dhan) प्राविधानिक धनराशि -प्रति जनपद रु. 50 लाख तक 

शौचालय निर्माण हेतु प्रोत्साहन धनराशि - रु. 12,000/- (पूर्ववर्ती प्राविधान) 


वित्तीय प्राविधान 15वाँ/पंचम वित्त आयोग 

40 प्रतिशत बेसिक ग्रान्ट (अनटाइड) जो कि ग्यारवीं अनुसूची में सूचीबद्ध 29 विषयों (वेतन एवं स्थापना के अतिरिक्त)

60 प्रतिशत टाइड ग्रान्ट जो कि जल एवं स्वच्छता सहित आदि राष्ट्रीय प्राथमिकता के क्षेत्रों में किया जायेगा।

*निर्धारित 60 प्रतिशत टाइड ग्रान्ट 70:15:15 प्रतिशत के अनुपात में ग्राम पंचायतों, क्षेत्र पंचायतों एवं जिला पंचायतों के लिये अनुमान्य


पंचम वित्त आयोग अन्तर्गत आवन्टित होने वाली धनराशि से निर्धारित व्यवस्था 

ओडीएफ स्थायित्व से सम्बंधित गतिविधियां 

ठोस एवं तरल अपशिष्ट प्रबंधन 

सामुदायिक शौचालय/जन सुविधायें 


सफल अपशिष्ट प्रबन्धन के सिद्धांत

* अपशिष्ट उत्सर्जन से सम्बंधित व्यक्ति ही प्रबंधन के लिये उत्तरदायी। 

अपशिष्ट पृथक्करण व वर्गीकरण समुचित प्रबंधन की कुंजी है। 

अपशिष्ट प्रबंधन मुख्यतः व्यक्तिगत/सामुदायिक व्यवहार परिवर्तन का कार्यक्रम है। 

अपशिष्ट उत्सर्जन वाले स्थान के निकट प्रबंधन की व्यवस्था उपयोगी होती है। 

सामूहिक उत्तरदायित्व ही अपशिष्ट प्रबंधन की सफलता का मूल मन्त्र है। 

तकनीकी विकल्पों का तुरन्त या लम्बे अन्तराल पर एवं प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से मानव स्वास्थ्य और हमारे पर्यावरण पर प्रतिकूल प्रभाव नहीं होना चाहिए। 

तकनीकी विकल्प समुदाय के द्वारा वहन करने योग्य  होना चाहिए। 

वित्तीय संसाधनों के अनुसार तकनीकी विकल्पों में थोड़ा संशोधन कर निर्माण, संचालन और रखरखाव करना।

 

दृष्टिगोचर स्वच्छता 

* मुख्य मार्गों एवं बाजार के क्षेत्रों में कम से कम एक बार दैनिक सफाई। 

* मुख्य मार्गों, व्यावसायिक/बाजार के क्षेत्रों में नियत स्थान पर कूड़ेदान/डम्पर रखना एवं इसकी नियमित सफाई करना। 

* बाजार में दुकानदारों व ठेले, खोमचे वालों के साथ मिलकर यह सुनिश्चित करना दुकान, ठेले आदि पर उत्पन्न हो रहे कूड़े को बोरी या डस्टबिन में डालकर समुचित स्थान/डंप स्थान तक पहुँचाना। 

* शनिवार एवं रविवार को ग्राम पंचायत में विशेष स्वच्छता/सैनिटाइजेशन कार्यक्रम आयोजित करना। 

* अन्य गतिविधियां जो ग्राम पंचायत को स्वच्छता के साथ-साथ आकर्षण बनाने में सहायक हो संचालित करना। 

ओ.डी.एफ. प्लस मानक 

* ओ.डी.एफ. प्लस, उदीयमान-ओ.डी.एफ. स्थायित्व+ठोस अपशिष्ट प्रबन्धन 

* ओ.डी.एफ. प्लस, उज्जवल- ओ.डी.एफ. स्थायित्व + ठोस अपशिष्ट प्रबन्धन + तरल अपशिष्ट प्रबन्धन 

* ओ.डी.एफ. प्लस- उत्कृष्ट 


पंचायतों की भूमिका

* ग्राम स्वच्छता प्लान तैयार करना। 

* गाँव/ग्राम पंचायत का ओ.डी.एफ. दर्जा बनाए रखना एवं ग्राम स्तरीय कार्यकर्ताओं का सहयोग ।

* स्वच्छता ग्राहियों के माध्यम से शौचालयों की सुरक्षा और स्वच्छता के लिए जागरूकता उत्पन्न करने और तकनीकी जानकारी प्राप्त करने में सहायता करना। 

* जहाँ आवश्यक हो, वहां रेट्रोफिटिंग या नवीकरण के लिए व्यावहारिक सहायता प्रदान करना। 

* समुदायों में सभी लोगों (पुरुष, महिलाओं, बच्चों) के बीच शौचालयों का सदैव इस्तेमाल किये जाने के सम्बन्ध में जागरूकता बढ़ाना। 

* शौचालयों के नियमित रखरखाव और उन्हें कार्यात्मक बनाये रखने के लिए समुदाय के सदस्यों के साथ नियमित रूप से चर्चा करना। 

* निगरानी समितियों की गतिशीलता। 

* ठोस और तरल कचरा प्रबंधन की गतिविधियों को लागू करना एवं व्यक्तिगत घरेलू स्तर के प्रबंधन के लिए परिवारों और समुदायों की यथा आवश्यक मदद करना। 

स्त्रोत-सचिव, ग्राम पंचायत के प्रशिक्षण हेतु सन्दर्भ साहित्य वर्ष 2022
 पंचायती राज प्रशिक्षण संस्थान (प्रिट)
उत्तर प्रदेश 

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