पंचायतों में ई-गवर्नेंस
ई-ग्राम स्वराज पोर्टल (https://egramswaraj.gov.in/) भारत सरकार द्वारा विकसित एक एकीकृत सॉफ्टवेयर है, जिसके द्वारा जिला पंचायतें, क्षेत्र पंचायतें तथा ग्राम पंचायतें केंद्रीय एवं राज्य वित्त आयोग अन्तर्गत प्राप्त होने वाली धनराशि के सापेक्ष अपनी वार्षिक कार्ययोजना को अपलोड कर, कार्यों के सापेक्ष व्यय विवरण अंकित करते हुए कार्य कराती हैं। भारत सरकार के इस प्रयास से पंचायतों को ऑनलाइन कार्य करने में अधिक सुविधा हो रही है। ई-ग्राम स्वराज के निम्न उद्देश्य हैं :-
क्यों इ-ग्राम स्वराज?
- पंचायतों को पारदर्शी एवं जवाबदेही संस्था के रूप में विकसित करना।
-सहभागी नियोजन (Participatory Planning) एवं विकेंद्रीकृत (Decentralized System) प्रणाली की स्थापना।
- कार्य आधारित लेखा (Work Based Accounting)।
ई-ग्राम स्वराज के विभिन्न मॉड्यूल
यह मॉड्यूल पंचायतों को अपने पंचायत के बारे ने संक्षिप्त विवरण के प्रबंधन की सुविधा प्रदान करता है:-
जैसे:-
-पंचायत में उपलब्ध सुविधाओं सहित संक्षिप्त विवरण।
-पंचायत चुनाव-पंचायत के चयनित प्रतिनिधि, प्रधान/प्रमुख/अध्यक्ष एवं पंचायत सचिव का विवरण।
-पंचायत में गठित समितियों एवं समितियों के सदस्यों का विवरण।
-पंचायत द्वारा भरी गयी उक्त विवरण जनप्रतिनिधियों-प्रधान/प्रमुख/अध्यक्ष एवं सचिव के नाम एवं मोबाइल नम्बर सहित ई-ग्राम स्वराज पोर्टल पर उपलब्ध करना।
ख- प्लानिंग मॉड्यूल:-
यह मॉड्यूल पंचायतों को अपनी वार्षिक कार्ययोजना बनाने तथा उसके प्रबंधन की सुविधा प्रदान करता है, जिसके 02 मुख्य घटक है;-
रिसोर्स इन्वलप- वित्तीय वर्ष में राज्य एवं केंद्र सरकार द्वारा विभिन्न योजनाओं के अंतर्गत निर्गत की जाने वाली धनराशि के प्रबंधन की सुविधा प्रदान करता है।
प्लानिंग- विभिन्न योजनाओं में प्राप्त होने वाली अनुमानित धनराशि के आधार पर पंचायत अपनी वार्षिक कार्ययोजना के अंकित करने की सुविधा प्रदान करता है।
ग. प्रोग्रेस रिपोर्टिंग मॉड्यूल:-
यह मॉड्यूल पंचायत द्वारा अनुमोदित वार्षिक कार्ययोजना में सम्मिलित कार्यों की तकनीकी एवं वित्तीय स्वीकृति के साथ भौतिक प्रगति के अंकित उसके प्रबंधन की सुविधा प्रदान करता है।
1- तकनीकी स्वीकृति - प्रत्येक अनुमोदित कार्य के तकनीकी बिन्दुओं पर सक्षम प्राधिकारी द्वारा स्वीकृति को अंकित एवं अपलोड की सुविधा प्रदान करता है।
2- वित्तीय/प्रशासनिक स्वीकृति - प्रत्येक अनुमोदित कार्य के वित्तीय बिन्दुओं पर सक्षम प्राधिकारी द्वारा स्वीकृति के अंकित एवं अपलोड की सुविधा प्रदान करता है।
3- प्रोग्रेस रिपोर्टिंग- प्रत्येक कार्य के तकनीकी एवं प्रशासनिक अनुमोदन के पश्चात् उन कार्यों की भौतिक प्रगति अंकित करने की सुविधा प्रदान करता है।
कार्यों की चरणवार भौतिक प्रगति की Geo-tagging M-Actionsoft मोबाइल एप से किया जाना।
घ- एकाउंटिंग मॉड्यूल;-
यह मॉड्यूल पंचायतों को योजनावार कार्य विवरण सहित वित्तीय लेखा सम्बन्धी दस्तावेज बनाने की सुविधा प्रदान करता है, जिसके मुख्य घटक निम्नवत हैं:-
1- मास्टर इंट्री:- पंचायत द्वारा संचालित विभिन्न योजनाओं सम्बंधित बैंक खातों के विवरण के प्रबंधन की सुविधा प्रदान करता है।
2:- डी.एस.सी. मैनेजमेंट :- पंचायतों से सम्बंधित अधिकारी (मेकर) एवं प्रतिनिधि (चेकर) के डिजिटल सिग्नेचर का पंजीकरण किया जाता है। तदोपरांत उच्च अधिकारी एवं पी.एफ.एम.एस. अनुमोदन के उपरान्त भुगतान सम्बन्धी कार्यवाही की जाती है।
3- वाउचर/ट्रांजेक्शन :- पंचायतों द्वारा योजनावार आय (Receipt) एवं व्यय (Payment) का विवरण अंकित करने की सुविधा प्रदान करता है।
4- दैनिक/मासिक/वार्षिक पुस्तिका बंदी:- यह घटक पंचायतों को अपनी कैशबुक का मिलान सम्बंधित बैंक खाते से कर दैनिक/मासिक/वार्षिक पुस्तिका बन्द करने की सुविधा प्रदन करता है।
ड- एम-एक्शन साफ्ट (M-ActionSoft):-
यह एक मोबाइल एप है, जिसके माध्यम से ई-ग्राम स्वराज के प्रोग्रेस रिपोर्टिंग एवं एकाउटिंग मॉड्यूल पर प्रत्येक कार्य की भौतिक एवं वित्तीय प्रगति वार कार्यों की जिओं टैगिंग एवं फोटोग्राफ अपलोड की जाती है।
प्रत्येक कार्य की चरणवार भौतिक प्रगति अंकित किये बिना कोई भुगतान नहीं किया जा सकता है।
नोट- बिंदु क से ड तक उल्लेखित कार्य पंचायत के यूजर आई.डी. (ADM) द्वारा किया जाता है।
कार्ययोजना, क्रियान्वयन व ऑनलाइन पेमेन्ट प्रणाली के सम्बन्ध में दिशा-निर्देश-
1- वित्त आयोग एवं अन्य योजनाओं को सम्मिलित करते हुए वार्षिक कार्ययोजना (जी.पी.डी.पी.) बनाकर क्रियान्वयन एवं भुगतान आदि की कार्यवाही ई-ग्राम स्वराज के माध्यम से की जायेगी।
2-प्रत्येक कार्य (वर्क आईडी) की तकनीकी, वित्तीय एवं प्रशासनिक स्वीकृति प्राप्त करने के उपरान्त कार्य प्रारम्भ किया जायेगा एवं यह जानकारी ई-ग्राम स्वराज के सॉफ्टवेयर पर प्रोग्रेस रिपोर्टिंग मद में अंकित की जायेगी।
3-कार्यों के सापेक्ष योजनान्तर्गत प्राप्त धनराशि से होने वाले व्यय को ई-ग्राम स्वराज-पी.एफ.एम.एस. प्रणाली से ऑनलाइन भुगतान मेकर एवं चेकर के संयुक्त डिजिटल सिग्नेचर से किया जाना।
4- कार्यों की चरणवार भौतिक प्रगति की Geo-tagging M-Actionsoft मोबाइल एप से किया जाना।
5- प्रत्येक कार्य के सापेक्ष किये जाने वाले भुगतान (यथा-वेन्डर एवं श्रमिकों का भुगतान) सीधे उनके बैंक खातों में ई-ग्राम स्वराज-पी.एफ़.एम.एस. के माध्यम से किया जायेगा।
नोट- उक्त कार्य पंचायत के यूजर आई. डी. (ADM) द्वारा किया जाता है।
ई-ग्राम स्वराज पर ऑनलाइन भुगतान करने हेतु आवश्यक तैयारी/व्यवस्थायें:-
पंचायतों में ई-ग्राम स्वराज पोर्टल द्वारा ऑनलाइन भुगतान की कार्यवाही करने हेतु मेकर एवं चेकर के डिजिटल हस्ताक्षर (डी.एस.सी.) का प्रयोग किया जाता है। पेमेन्ट वाउचर मेकर के द्वारा बनाया जाता है तत्पश्चात उन पेमेन्ट वाउचर पर चेकर द्वारा डिजिटल हस्ताक्षर कर अनुमोदन प्रदान किया जाता है। डिजिटल हस्ताक्षरित पेमेन्ट वाउचर (एफ.टी.ओ.) ई ग्राम स्वराज एवं पी.एफ़.एम.एस. के माध्यम से वेन्डर के बैंक खाते में भुगतान की कार्यवाही T+2 दिवस में पूर्ण की जाती है, जिसका विवरण ई-ग्राम स्वराज के रिपोर्ट सेक्शन में प्रदर्शित होता है।
शासनादेश दिनांक 16 जून एवं 29 जून, 2020 के अनुसार विभिन्न ग्राम पंचायत स्तर के मेकर, चेकर एवं स्वीकृति निम्नवत हैं :-
उक्त तालिका में मेकर, चेकर एवं स्वीकृति प्रदान करने वाले अधिकारियों के पास क्लास-3 स्तर के डिजिटल सिग्नेचर (डी.एस.सी.)/डोंगल होना अनिवार्य है। साथ ही भुगतान से सम्बंधित निम्न कार्यवाही की जानी होती है:-
1-ऑनलाइन प्रणाली हेतु उपयोग किये जा रहे कम्प्यूटर सिस्टम/लैपटॉप में जावा, डी.एस.सी. साइनर सॉफ्टवेयर तथा विंडोज ओ.एस. का होना अनिवार्य है। जावा तथा डी.एस.सी. सिग्नेचर का नवीन संस्करण ई-ग्राम स्वराज पोर्टल पर उपलब्ध है।
2-पंचायत की अनुमोदित वार्षिक कार्ययोजना वार्षिक कार्ययोजना ई-ग्राम स्वराज पोर्टल पर अपलोड किया जाना अनिवार्य होगा तदोपरान्त प्रत्येक आईडी के सापेक्ष वित्तीय एवं भौतिक स्वीकृति प्राप्त कर कार्य को ओनगोइंग किया जायेगा।
3-ई-ग्राम स्वराज पोर्टल पर वित्तीय वर्ष की सभी दैनिक मासिक पुस्तिका को बन्द कर योजनावार प्रारम्भिक अवशेष की त्रुटि रहित गणना किया जाना अनिवार्य होगा।
4- ई-ग्राम स्वराज पोर्टल पर बैंक खाता संख्या, बैंक शाखा एवं आई. एफ.एस.सी. कोड का मिलान पी.एफ.एम.एस. पर अंकित जानकारी से किया जाएगा तथा यह विवरण दोनों सॉफ्टवेयर पर समान होना अनिवार्य है।
5- उक्त विवरण सामान होने की दिशा में ही योजनावार पोर्टिंग हो पायेगी।
6- उक्त ऑनलाइन भुगतान प्रणाली के लिए पंचायतों का पी.एफ.एम.एस. पोर्टल पर पंजीकृत होना अनिवार्य है।
7- ग्राम पंचायतों का पंजीकरण पी.एफ.एम.एस. पर उनकी फंडिंग एजेन्सी (राज्य/जनपद) स्तर से ही किया जा सकता है। तत्पश्चात ग्राम पंचायतों द्वारा पी.एफ.एम.एस. पर लॉगिंग पर सम्बंधित स्कीम को बैंक खाते से मैप करते हैं और इसका अनुमोदन जनपद स्तर से लिया जा सकता है। इस प्रक्रिया के पूर्ण होते ही सम्बंधित ग्राम पंचायत का डाटा पी.एफ.एम.एस. पोर्टल से ई-ग्राम स्वराज पोर्टल पर पोर्ट हो जायेगा।
वेन्डर/आपूर्तिकर्ता एवं लाभार्थी का पंजीकरण:-
1-उक्तानुसार एजेंसी/लाभार्थी का विवरण अंकित करने के उपरान्त मेकर एवं चेकर द्वारा अपनी डी.एस.सी. से अनुमोदित करना अनिवार्य होगा।
2-मेकर एवं चेकर के डिजिटल हस्ताक्षर करने के उपरान्त एजेंसी/लाभार्थी का विवरण पी.एफ.एम.एस. पर स्वतः अनुमोदित हेतु उपलब्ध हो जायेगा, जिसमें कि न्यूनतम दो दिवस का समय लगता है।
मेकर द्वारा ई-ग्राम स्वराज पोर्टल पर ऑनलाइन व्यय वाउचर अंकित करना:-
1-मेकर द्वारा केवल पी.एफ.एम.एस. से अनुमोदित एजेंसी को ऑनलाइन भुगतान किया जा सकेगा।
2-ऑनलाइन पेमेन्ट हेतु मेकर द्वारा लॉग इन कर ट्रांजेक्शन वाउचर ट्रांजेक्शन-पेमेन्ट वाउचर-एड चयनित किया जायेगा।
मेकर द्वारा फण्ड ट्रांसफर ऑर्डर (एफ.टी.ओ.) निर्गत करना:-
1-दैनिक पुस्तिका बन्द करने के पश्चात् मेकर द्वारा फण्ड ट्रांसफर ऑर्डर (एफ.टी.ओ) निर्गत किया जायेगा।
2- एफ.टी.ओ निर्गत करने हेतु मेकर द्वारा ट्रांजेक्शन-वाउचर-ट्रांजेक्शन-पेमेन्ट वाउचर-साइन एफ.टी.ओ चयनित किया जायेगा।
3- निम्नानुसार प्रत्येक व्यय वाउचर पर मेकर द्वारा डिजिटल हस्ताक्षर अंकित किया जायेगा।
4- पंचायत द्वारा एक दिवस में जितने भी वाउचर उक्तानुसार सॉफ्टवेयर पर फ्रिज किया गया होगा उन सभी के सापेक्ष दिवस का कार्य पूर्ण होने के पश्चात् दैनिक पुस्तिका बंदी करते ही एफ.टी.ओ जनरेट होगा एवं मेकर के द्वारा उस पर अपनी डी.एस.सी से भुगतान किया जाएगा।
5- मेकर के डिजिटल हस्ताक्षर करने के उपरान्त एफ.टी.ओ. की एक फ़ाइल जिसमें सभी डिजिटल हस्ताक्षर किये गए व्यय वाउचर सम्मिलित होंगें वे स्वतः ही चेकर को ऑनलाइन उपलब्ध हो जायेंगें।
6- सम्बंधित चेकर द्वारा लॉग इन कर नियमानुसार ऍफ़.टी.ओ. डिजिटल हस्ताक्षर किया जायेगा।
7- चेकर द्वारा एफ.टी.ओ. निर्गत किये जाने हेतु मास्टर इन्ट्री-डी.एस.सी. प्रबंधन-साइन एफ.टी.ओ चयनित किया जायेगा।
8- चेकर के अनुमोदानोत्परांत एफ.टी.ओ स्वतः ही पी.एफ.एम.एस. तथा बैंक के अनुमोदन हेतु उपलब्ध हो जायेगी, जिसके पश्चात् न्यूनतम 02 दिवसों में एजेंसी/लाभार्थी के खाते में धनराशि हस्तान्तरित हो जायेगी।
9-यदि किसी कारणवश भुगतान नहीं हो पाता है तो उसकी जानकारी ई-ग्राम स्वराज पोर्टल पर न्यूनतम 02 दिवस के उपरान्त ही उपलब्ध होगी।
रिपोर्टिंग :-
ई-ग्राम स्वराज पोर्टल के होम पेज पर ही नियोजन, क्रियान्वयन तथा लेखांकन से सम्बंधित रिपोर्ट जैसे- Approved plan, Sector wise report, Cashbook, Online payment report, DSC status report, Vendor status, Geo-tagging report, amount pending status of PFMS report इत्यादि को देखा जा सकता है।
स्त्रोत-सचिव, ग्राम पंचायत के प्रशिक्षण हेतु सन्दर्भ साहित्य, पंचायती राज प्रशिक्षण संस्थान, उत्तर प्रदेश वर्ष २०२२
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