Thursday, August 18, 2022

Article आत्मनिर्भरता के लिए गुणवत्ता जरुरी Quality is Important for Self-Reliance

 आत्मनिर्भरता के लिए गुणवत्ता जरुरी

 


कोरोना संकट के बीच देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के द्वारा भारत को आत्मनिर्भर बनाने का नया मिशन सामने रखते हुए 20 लाख करोंड़ के आर्थिक पैकेज का ऐलान किया गया । जिसका सम्पूर्ण देश में उत्साह के साथ स्वागत किया गया । भारत देश को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में प्रयास करनास्वदेशी वस्तुओं के प्रति जागरूक करनाप्रचार करनायह सही है लेकिन इसके विभिन्न पहलुओं पर भी चर्चा करना अत्यंत आवश्यक है। प्रधानमंत्री ने देश के नाम अपने संबोधन में देश के लिए एक बड़े आर्थिक पैकेज की घोषणा करते हुए कहा कि कोरोना के संकटकाल में अर्थव्यवस्था को रफ़्तार देने के लिये ये पैकेज अहम् भूमिका निभा सकता है साथ ही उन्होंने कहा कि दुनिया की मौजूदा परिस्थिति भारत के लिए एक अवसर बन सकती है ऐसे में हमें आत्मनिर्भर होना जरुरी है। अपने दिए गए उद्बोधन में उन्होंने लोकल मैन्यूफैक्चरिंगसप्लाई चेन का महत्त्व भी समझाया और प्रत्येक भारत के नागरिक से लोकल प्रोडक्ट के लिए वोकल बनने की अपील की ।

ऐसा नहीं है कि यह विचार उनके दिमाग में कोरोना महामारी के समय बिगड़ती अर्थव्यवस्था को देखकर आयाजब प्रधानमंत्री के रूप में नरेंद्र मोदी का राजतिलक हुआ और पूर्ण रूप से देश में भारतीय विचारधारा की सरकार बनी उस समय उन्होंने अपने उद्बोधन में कहा था हमें जीरों डिफेक्ट प्रोडक्ट बनाने होंगेंहमें वस्तुओं की गुणवत्ता पर ध्यान केन्द्रित करना होगा तभी हम भारत को विश्व स्तरीय उत्पाद का केंद्र बना पायेंगें। लेकिन एक तरफ उनका देश के स्वदेशी उत्पाद को बढ़ाने का प्रयास दिखाई देता हैं वहीं देश में एफडीआई (प्रत्यक्ष विदेशी निवेश) की वर्तमान स्थिति सभी के सामने है । केंद्र सरकार रक्षाफार्मानागरिक उड्डयन भारत में बने खाद्य पदार्थों में 100 प्रतिशत विदेशी निवेश की मंजूरी 2015 में ही दे चुकी है । भारत वर्ष 2019 में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) आकर्षित करने वाले शीर्ष 10 देशों में शामिल रहा । इस दौरान भारत में एफडीआई 16 प्रतिशत बढ़कर 49 अरब डॉलर पहुँच गई । कहीं विदेशी पूंजी के प्रति आकर्षण देश को आत्मनिर्भर बनाने के स्थान पर आश्रित न बना दे । विदेशी कम्पनियों के बाजार में बढ़ते हुए प्रभुत्त्व के विषय में देश की सरकार को ध्यान देने की आवश्यकता है । भारतीय बाजार पर पहले से ही चीन और विदेशी कम्पनियों के द्वारा  निर्मित उत्पाद का कब्ज़ा देखने को मिलता है । देश की जनता का विदेशी वस्तुओं के प्रति लगाव किस प्रकार कम किया जाये तथा भारतीय उत्पाद को विश्व मानक के अनुरूप किस प्रकार विकसित किया जाये, इस पर हम सभी को चिंता करनी होगी ।

हमारे देश में स्वदेशी जागरूकता के नाम पर विदेशी वस्तुओं का बहिष्कार का चलन है जो उचित नहीं है । हम भारतीय हैं हम सकरात्मक सोच वाले लोग हैं । हमें विदेशी और खासकर चीन के माल का विरोध नहीं करना चाहिए अपितु हमें चीन से प्रेरणा लेकर अपने अनुभव के प्रयोग से वस्तुओं का निर्माण करना चाहिए । हमें यह एहसास करना होगा कि यदि चीन इतने कम मूल्य पर वस्तु का निर्माण कर सकता है तो हम भी कर सकते हैं । हमें और अधिक गुणवत्ता पूर्ण वस्तु बनानी होगी और यदि हम उस पर गारंटी की सुविधा भी प्रदान कर देंगें तो सोने पर सुहागा हो जाएगा । एक मानवीय प्रवर्ती है कि मनुष्य को कम से कम मूल्य पर अधिक से अधिक मूल्यवान और उपयोगी वस्तु प्राप्त करने की लालसा रहती है । आप उसे ऐसा करने से रोकते हैं तो आप उसके अधिकारों का हनन कर रहे हैं । आप उस व्यक्ति को राष्ट्र प्रेम का पाठ नहीं पढ़ा सकते क्योंकि उसकी अध गगरी आय उसको ऐसा करने के लिए सदैव प्रेरित करती रहेगी । फिर भी आप उस पर दबाव बनाने का प्रयास करेंगें तो विरोध स्वाभाविक है । इससे बचने का एक ही मार्ग है हमें उसे कम से कम मूल्य पर अधिक से अधिक मूल्यवान और उपयोगी वस्तु उपलब्ध करानी होगी ।  तभी वह आपके माल को खरीदेगा । आप नकली और ख़राब माल बेचकर  ग्राहक को मूर्ख बना कर तत्काल तो आय का अर्जन कर सकते हैं परन्तु अधिक समय तक मूर्ख नहीं बना सकते । दीर्घकाल में आपको ऐसा उत्पादन करना ही होगा जो स्वत: ही बिके । हमें वस्तु की गुणवत्ता पर ध्यान केन्द्रित करना होगा साथ ही कम से कम मूल्य पर इसे संभव बनाने के प्रयास करने होंगें ।

भारत देश में 133 करोंड़ से अधिक की बौद्धिक तथा श्रम संपदा है जिसके कौशल से सम्पूर्ण विश्व प्रभावित है । इसका प्रयोग करके न हम सिर्फ वस्तुओं का उत्पादन कर सकते हैं अपितु उत्पादन की ऐसी सुनामी खड़ी कर सकते हैं जिसकी लहरों में विश्व के समस्त देशों का उत्पादन और बाजार बह जाएगा । इसके लिए देश की जनता को स्वयं अपनी जिम्मेदारी का एहसास करना होगा । हमें विश्व मानकों को ध्यान में रखते हुए विश्व की श्रेष्टतम  वस्तुओं का उत्पादन करना होगा । सेवा के क्षेत्र में भी हमें आत्मनिर्भर बनने के लिए सर्वोत्तम सेवा को प्राथमिकता देनी होगी । जो गुण तथा मूल्य में भी सभी से बेहतर और उपयुक्त हो ।

 

-प्रशान्त मिश्र

गौतमबुद्ध नगर, उत्तर प्रदेश

सम्पर्क सूत्र-7599022333


No comments:

Post a Comment