अध्याय-३
संकुल स्तरीय संघ
ग्राम संगठन के बाद संकुल स्तरीय संघ तृतीय स्तर की संस्था होगी। प्रत्येक संकुल (क्लस्टर) के अंतर्गत आने वाले समस्त ग्राम संगठनों को मिलाकर संकुल स्तरीय संघ का निर्माण किया जायेगा। संकुल स्तरीय संघ हमें अपने हक एवं अधिकार प्राप्ति के लिए एक व्यापक मंच प्रदान करेगा।
संकुल के ग्रामों में प्रथम ग्राम संगठन के गठन के ३ से ४ माह के बाद संकुल स्तरीय संघ का गठन करेंगें। संकुल स्तरीय संघ का गठन कम से कम ५ ग्राम संगठन के साथ किया जा सकता है। प्रत्येक संकुल स्तरीय संघ में अधिकतम ३० ग्राम संगठन हो सकते हैं। संकुल स्तरीय संघ अपने तय उपनियम के तहत सामान्य निकाय, कार्यकारिणी समिति एवं चयनित पदाधिकारियों के सहायता से अपने दिन प्रतिदिन के कार्य सम्पादित करेगा।
३.२ संकुल स्तरीय संघ की मुख्य जिम्मेदारी :-
१. ग्राम संगठन को ग्राम में छुटे समस्त गरीबों को समूह के साथ जोड़ते हुए ग्राम को संतृप्त करने में मदद करना।
२. ग्राम संगठनों की निगरानी एवं अनुश्रवण करना।
३. ग्राम संगठनों का श्रेणीकरण करना, सूक्ष्म ऋण नियोजन (एम.सी.पी.) के आधार पर ग्राम संगठन को वित्तीय सहायता उपलब्ध कराना।
४. समस्त ग्राम संगठनों का क्षमता निर्माण करना ताकि वे सतत् विकास करते हुए आत्मनिर्भर हो सकें।
५. समूहों के सूक्ष्म ऋण नियोजन (माइक्रो) क्रेडिट प्लानिंग) में सहायता उपलब्ध करना एवं समूहों की सामाजिक निवेश निधि एवं बैंक लिंकेज से जुड़ाव में मदद करना।
६. ग्राम संगठनों को जोखिम न्यूनीकरण कार्ययोजना/अभिसरण (कन्वर्जेन्स) की कार्ययोजना का निर्माण एवं क्रियान्वयन में सहायता करना।
७. समूहों के सदस्यों को उनके हक, अधिकारों, बीमा एवं अन्य योजनाओं की जानकारी देना एवं उनसे लाभान्वित करना।
८. सदस्यों को बीमा एवं सामाजिक सुरक्षा योजनाओं से जोड़ते हुए उनके स्व प्रबंधित संस्थान का निर्माण करना।
९. समूहों एवं ग्राम संगठनों के लिए आवश्यकतानुसार कोष का प्रबंध करना।
१०. आवश्यतानुसार सामुदायिक कैडर का चयन, प्रशिक्षण एवं प्रबंधन।
११. समूह एवं ग्राम संगठन के सदस्यों, पदाधिकारियों, सामुदायिक कैडर का क्षमता निर्माण।
१२. समुदाय आधारित प्रशिक्षण केंद्र प्रबंधन।
१३. समूह एवं ग्राम संगठन को समुदाय आधारित खरीद प्रक्रिया (प्रोक्योरमेंट) में मदद करना।
१४. समूह एवं ग्राम संगठन को सामूहिक रूप से लिंग भेद आधारित मुददे सामाजिक मुददे, जीविकोपार्जन के मुददे, आदि पर कार्य करना।
१५. समूह एवं ग्राम संगठन के सदस्यों को ग्राम सभा, आम सभा, महिला सभा में प्रतिभाग करने हेतु प्रोत्साहित।
१६. समूह एवं संगठन के सदस्यों का क्षमता निर्माण, प्रशिक्षण, उन्मुखीकरण, अंकेक्षण इत्यादि आवश्यकतानुसार करवाते रहना।
१७. समूह एवं ग्राम संगठन को विभिन्न मंचों जैसे ग्राम पंचायत, विकास खण्ड स्तर बैंकर्स कमेटी, अभिसरण कमेटी ,में प्रतिनिधित्व करना।
१८. समूह एवं ग्राम संगठन के सदस्यों को समहों के माध्यम से गरीबी से बाहर आने की प्रक्रिया का अनुश्रवण एवं अभिलेखीकरण।
१९. संकट निवारण कार्ययोजना एवं समावेशन कार्ययोजना का निर्माण कर उन्हें लागू करवाना।
२०. समस्त सदस्यों को अपने अनुभवों एवं समस्याओं को साझा करने का मंच प्रदान करना।
३.३ संकुल स्तरीय संघ की संरचना:-
प्रत्येक संकुल के अंतर्गत आने वाले समस्त ग्राम संगठन स्वतः ही संकुल संघ के सामान्य निकाय के सदस्य होंगें। ग्राम संगठन की कार्यकारिणी समिति अपने संकुल स्तरीय संघ के सामान्य निकाय में प्रतिनिधित्व करेंगीं। प्रत्येक ग्राम संगठन से २ पदाधिकारी (अध्यक्ष एवं सचिव) संकुल स्तरीय संघ के कार्यकारिणी समिति के सदस्य होंगें। संकुल स्तरीय संघ की कार्यकारिणी समिति अपने दिन-प्रतिदिन के कार्यों को सम्पादित करने के लिए अपने में से ही पदाधिकारियों का चयन करेगी। संकुल स्तरीय संघ को राज्य के अंतर्गत आने वाले अधिनियम के अनुसार पंजीकरण कराने का निर्णय लेंगें। संकुल स्तरीय संघ के उपनियम का निर्माण करेंगें एवं उसका पालन करेंगें । संकुल स्तरीय संघ का कार्यालय ऐसे जगह खोलेंगें जहाँ बैंक हो एवं सभी सदस्यों को आने-जाने की सुविधा हो।
सामान्य निकाय :-
संकुल में आने वाले प्रत्येक ग्राम संगठन के कार्यकारिणी समिति मिलकर संकुल स्तरीय संघ के सामान्य निकाय का गठन करेंगें।
संकुल स्तरीय संघ गठन के आरंभिक काल में सामान्य निकाय की बैठक प्रत्येक तिमाही में करेंगें एवं समय के साथ इस बैठक को कम से कम साल में एक या दो बार किया करेंगें।
हमारी संकुल स्तरीय संघ की सामान्य निकाय की बैठक का एजेन्डा निम्नवत होगा जिसे आवश्यकतानुसार बदल सकते हैं:-
१. प्रार्थना एवं परिचय
२. पिछले सामान्य निकाय की कार्यवाही को कार्यवाही पंजिका से पढ़ कर सबको सुनाना।
३. ग्राम में छुटे समस्त निर्धनों को समूह के साथ जोड़ते हुए ग्राम को संतृप्त करने पर समीक्षा।
४. पिछले सामान्य निकाय के बाद हुई प्रगति की समीक्षा।
५. ग्राम संगठन की कार्यकारणी समिति, उपसमिति, सामुदायिक कैडर की समीक्षा।
६. पिछले सामान्य निकाय के बाद किये गए खर्च की समीक्षा।
७. आवश्यकतानुसार कार्य योजना/बजट का अनुमोदन।
८. आवश्यकतानुसार उपनियम में संशोधन।
९. समूह के द्वारा किये गये अच्छे कार्यों को साझा करने का मंच।
१०. समूह के द्वारा किये गए कार्यों की समीक्षा।
संकुल स्तरीय संघ की सामान्य निकाय की बैठक का संचालन संकुल स्तरीय संघ के अध्यक्ष के द्वारा किया जायेगा। हम अपने सामान्य निकाय के सदस्यों को सामान्य निकाय की बैठक किये जाने की तिथि से कम से कम ३ दिन पूर्व में सूचना देंगें। हम अपने सामान्य निकाय की बैठक में अपने बैंक के अधिकारियों, पंचायती राज संस्थान के प्रतिनिधियों को भी बुला सकते हैं।
३.४ कार्यकारिणी समिति : -
संकुल स्तरीय संघ के सामान्य निकाय में आने वाले प्रत्येक ग्राम संगठनों से २ पदाधिकारी (अध्यक्ष एवं सचिव) संकुल स्तरीय संघ के कार्यकारिणी समिति का गठन करेंगें। इस कार्यकारिणी समिति की बैठक माह में कम से कम एक बार अवश्य होगी।
संकुल स्तरीय संघ की कार्यकारिणी समिति अपने दिन प्रतिदिन के कार्यों के लिए अपने में से पदाधिकारियों का चयन करेगी। संकुल स्तरीय संघ की कार्यकारिणी समिति अपने कार्यों का सुचारू रूप से क्रियान्वयन क्ले लिए उपसमिति का गठन भी करेगी एवं अपने उपसमिति के सदस्य मनोनीत कर अपने सामान्य निकाय से अनुमोदन करायेगी। कार्यकारिणी समिति अपने वार्षिक/अर्धवार्षिक कार्य योजना का निर्माण कर उसे अपने सामान्य निकाय से अनुमोदित करवाएगी एवं अपने पदाधिकारियों एवं उप समिति के सदस्यों के संग मिलकर अनुमोदित कार्य योजना को क्रियान्वयन करेगी। कार्यकारिणी समिति अपने आडिटर का चयन कर उसे अपने सामान्य निकाय से अनुमोदित करवाएगी।
३.५ संकुल स्तरीय संघ की कार्यकारिणी समिति के मुख्य कार्य: -
१. नये सदस्यों को जोड़ना (सदस्यों का निष्कासित करने का अधिकार हमारे सामान्य निकाय का होगा)
२. आवश्यकतानुसार सामुदायिक कैडर, स्वयं सेवकों का चयन एवं नियुक्ति।
३. उपसमिति का गठन।
४. स्वयं सहायता समूह, पदाधिकारियों, सामुदायिक कैडर के कार्यों की समीक्षा।
५. स्वयं सहायता समूह की आवश्यकतानुसार श्रेणीकरण कर समूह के स्व श्रेणीकरण को प्रोत्साहन।
६. संकुल स्तरीय संघ की वार्षिक कार्ययोजना/बजट का निर्माण/क्रियान्वयन/समीक्षा करना।
७. ग्राम संगठन द्वारा संकुल स्तरीय संघ में जमा किये जाने वाले समस्त शुल्क का निर्धारण।
८. पदाधिकारियों को अधिकृत करना।
९. आडिटर का चयन करना।
कार्यकारिणी समिति मुख्यतः वार्षिक कार्ययोजना के अनुरूप किये गए कार्यों की समीक्षा करेगी एवं लक्ष्य प्राप्ति के अनुरूप नई रणनीति/कार्ययोजना निर्धारित करेगी।
३.६ संकुल कार्यकारिणी समिति की बैठक का एजेण्डा निम्नवत होगा जिसे आवश्यकतानुसार बदल भी सकती है:-
१. प्रार्थना
२. पिछली सामान्य निकाय की कार्यवाही को कार्यवाही पंजिका से पढ़कर सब को सुनाना।
३. ग्राम में छुटे हुए सभी निर्धनों को समूह के साथ जोड़ते हुए ग्राम को संतृप्त करने की समीक्षा।
४.पिछले सामान्य निकाय के बाद हुई प्रगति की समीक्षा।
५. ग्राम संगठन की कार्यकारिणी समिति, उपसमिति, सामुदायिक कैडर की समीक्षा
६. पिछले सामान्य निकाय के बाद किये गए खर्च की समीक्षा
७. आवश्यकतानुसार कार्य योजना/बजट का अनुमोदन
८.आवश्यकतानुसार उपनियम में संशोधन
९ समूह के द्वारा किये गए अच्छे कार्यों को साझा करने का मंच
१०.समूह के द्वारा किये गए कार्यों की समीक्षा।
३.७ संकुल स्तरीय संघ के पदाधिकारी :-
संकुल स्तरीय संघ की कार्यकारिणी समिति अपने पदाधिकारियों का चयन करेगी। समस्त चयनित पदाधिकारियों का कार्यकाल २ वर्ष के लिए होता है एवं संकुल स्तरीय संघ के उपनियम के अनुसार पदाधिकारियों का नियमानुसार नियमित बदलाव किया जाता है। हमारे ग्राम संगठन के निम्नवत पदाधिकारी होंगें।
१. अध्यक्ष
२. उपाध्यक्ष
३. सचिव
४. उपसचिव
५. कोषाध्यक्ष
पदाधिकारियों में से अध्यक्ष, उपाध्यक्ष एवं सचिव हमारे संकुल स्तरीय संघ को बैंक खाता संचालित करने के लिए अधिकृत होंगी एवं इन तीनों में से कोई दो हमारे संकुल स्तरीय संघ के बैंक खाता का संचालन करेंगीं।
अध्यक्ष के कार्य :-
१. संकुल स्तरीय संघ की कार्यकारिणी समिति एवं प्रतिनिधि निकाय की बैठक की अध्यक्षता करना।
२. संकुल स्तरीय संघ की कार्यकारिणी समिति एवं प्रतिनिधि निकाय बैठक का एजेण्डा निर्धारित करना एवं बैठक क्रियान्वित करवाना।
३. अपने संकुल स्तरीय संघ का विभिन्न मंचों पर प्रतिनिधित्व करना।
४. सुनिश्चित करना कि संकुल स्तरीय संघ अपने उपनियम के अनुरूपक कार्य कर रहा है।
५. संकुल स्तरीय संघ की कार्य योजना का निर्माण एवं कार्य योजना के क्रियान्वयन की निगरानी करना।
उपाध्यक्ष के कार्य :-
अध्यक्ष के कार्यों में मदद करना एवं अध्यक्ष की अनुपस्थिति में अध्यक्ष के कार्यों को सम्पादित करना।
सचिव के कार्य :-
१. संकुल स्तरीय संघ के प्रतिनिधि निकाय एवं कार्यकारिणी समिति की बैठक समय से करवाना।
२. संकुल स्तरीय संघ के दस्तावेजों एवं संपत्तियों की निगरानी करना।
३. संकुल स्तरीय संघ के दस्तावेजों की नियमित अद्यतन करना।
४. संकुल स्तरीय संघ के प्रतिनिधि निकाय एवं कार्यकारिणी समिति को वार्षिक कार्ययोजना के सापेक्ष किये जा रहे कार्यों से अवगत कराना।
उपसचिव के कार्य :-
सचिव के कार्यों में मदद करना एवं सचिव की अनुपस्थिति में सचिव के कार्यों को सम्पादित करना।
कोषाध्यक्ष के कार्य :-
1. संकुल स्तरीय संघ के समस्त वित्तीय प्रबंधन एवं बैंक सम्बन्धी कार्य।
2. संकुल स्तरीय संघ का समस्त अंकेक्षण करवाना एवं अंकेक्षण एवं वित्तीय रिपोर्ट को ग्राम संगठन की प्रतिनिधि निकाय एवं कार्यकारिणी समिति में प्रस्तुत करना।
३.८ संकुल स्तरीय संघ की उपसमिति :-
हम अपने संकुल स्तरीय संघ में आवश्यकतानुसार उपसमितियों का गठन करेंगें जो हमारे समूह एवं ग्राम संगठन को प्राप्त होने वाली विभिन्न सेवाओं का क्रियान्वयन एवं निगरानी करने का कार्य करेंगी। संकुल स्तरीय संघ गठित होने पर हम आवश्यकतानुसार निम्नवत उपसमिति का गठन करेंगें:-
बैंक जुड़ाव (लिंकेज) एवं ऋण वापसी (रीपेमेंट) उपसमिति:-
यह उपसमिति समूह/ग्राम संगठन को बैंक जुड़ाव (लिंकेज) एवं समूह/ग्राम संगठन के ऋण वापसी (रीपेमेंट) में मदद करती है।
सामाजिक कार्य उपसमिति के कार्य:-
यह उपसमिति सामाजिक समावेश, लिंग भेद आधारित मुद्दे, जोखिम न्यूनीकरण, सामाजिक विकास, अभिसरण (कन्वर्जेन्स) इत्यादि मुददों पर कार्य करती है। यह उपसमिति दिव्यांग, वृद्ध, अति ग़रीब, बच्चों युवकों के विशेष समूहों की विशेष जरूरतों पर कार्य करती है एवं विभिन्न योजनाओं जैसे:- मनरेगा, ग्राम पंचायत विकास योजना, सामाजिक सुरक्षा योजना, सार्वजानिक वितरण प्रणाली से समूहों को जोड़ती है। यह उपसमिति जोखिम निवारण कोष एवं अन्य आपदा निवारण कोष का भी प्रबंधन करती है। यह उपसमिति, घरेलु हिंसा, शौचालय, शराबबंदी, नशा मुक्ति, बच्चों का स्कूल में दाखिला आदि पर भी कार्य करती है।
स्वास्थ्य उपसमिति के कार्य:-
यह उपसमिति खाद्य, पोषण, स्वास्थ्य, पेयजल, स्वच्छता के सम्बन्ध में कार्य करेगी एवं सदस्यों को जागरूक करेगी कि अपना एवं परिवार के सदस्यों का अच्छा स्वास्थ्य होने पर इलाज पर व्यय कम होता है एवं परिवार में बचत होती है। यह उपसमिति ए.एन.एम./आशा बहु/आंगनबाड़ी कार्यकत्री/ग्राम पंचायत/ ग्राम पोषण, स्वास्थ्य एवं स्वच्छता समिति/ ग्राम आपदा प्रबंधन समिति के साथ मिलकर कार्य करेगी।
ग्राम संगठन निगरानी उपसमिति के कार्य:-
यह उपसमिति ग्राम संगठन एवं समूहों की निगरानी करेगी एवं सुनिश्चित करेगी कि ग्राम के सभी समूह पंचसूत्र का पालन करें। यह उपसमिति समूहों को सूक्ष्म ऋण नियोजन (एम.सी.पी.) का अनुमोदन कर ग्राम संगठन की कार्यकारिणी समिति या बैंक को सामुदायिक निवेश निधि या बैंक लिंकेज उपलब्ध करने के लिए उपलब्ध करवाएंगी। यह उपसमिति समूह में सूक्ष्म ऋण नियोजन (एम.सी.पी.) के अनुसार कार्य किया जा रहा है या नहीं इसकी भी निगरानी करती है एवं समूह को श्रेणीकरण व अंकेक्षण भी करवाती है।
प्रक्योरमेंट (खरीददारी) उपसमिति के कार्य :-
यह उपसमिति यह सुनिश्चित करती है कि समस्त सामुदायिक खरीद प्रक्रिया (प्रक्योरमेंट) में सभी सामुदायिक खरीद नीतियों का पालन किया जा रहा है।
अगर संकुल स्तरीय संघ को आवश्यकता लगी तो वो भी और भी उपसमितियों को गठन कर सकती है। संकुल स्तरीय संघ की सामान्य निकाय/कार्यकारिणी समिति संकुल स्तरीय संघ के उपसमिति का गठन, बदलाव या विघटन करेगी। संकुल स्तरीय संघ की कार्यकारिणी समिति उपसमिति के सदस्यों को मनोनीत करती है। प्रत्येक उपसमिति में ३ से ५ तक कार्यकरिणी के सदस्य होंगें एवं प्रत्येक उपसमिति अपने कार्यों के लिए अपनी कार्यकारिणी समिति के प्रति जवाबदेही होगी। प्रत्येक उपसमिति अपनी वार्षिक/अर्धवार्षिक कार्य योजना अपनी कार्यकारिणी समिति से अनुमोदित करवाएगी एवं अनुमोदन कार्ययोजना के अनुरूप कार्य करेगी। किसी भी उपसमिति में कार्यकारिणी समिति के दो पदाधिकारी एक साथ उपसमिति के सदस्य नहीं होंगें। अध्यक्ष किसी भी उपसमिति की बैठक में प्रतिभाग कर सकती है। संकुल स्तरीय संघ की समस्त उपसमिति अपनी कार्यकारणी समिति की बैठक से पूर्व अपनी समीक्षा बैठक करेगी एवं अपनी प्रगति रिपोर्ट/कार्ययोजना कार्यकारिणी समिति में प्रस्तुत करेगी।
३.९ संकुल स्तरीय संघ के कर्मी एवं सामुदायिक कैडर:-
संकुल स्तरीय संघ अपने वित्तीय लेखा के साधारण के लिए समुदाय से ही खाता लेखक नियुक्त करेंगें। संकुल स्तरीय संघ आवश्यकतानुसार अपने लिए सामुदायिक कैडर जैसे मास्टर बुक कीपर, सामुदायिक प्रशिक्षक, सामुदायिक सन्दर्भ व्यक्ति, बैंक मित्र, आदि की नियुक्ति करेंगें। संकुल स्तरीय संघ आवश्यकतानुसार समुदाय के अन्दर या बाहर से भी पेशेवर से मानदेय के आधार पर सेवा प्राप्त कर सकता है।
३.१० संकुल स्तरीय संघ क्षमता निर्माण:-
हमारे संकुल स्तरीय संघ आवश्यकतानुसार स्वयं सहायता समूह, ग्राम संगठन, संकुल स्तरीय संघ के सदस्यों, कार्यकारिणी समिति, पदाधिकारी, उपसमिति, सामुदायिक कैडर का क्षमता निर्माण करेगा। संकुल स्तरीय संघ अपने प्रशिक्षण कैलेंडर का निर्माण कर उसके अनुसार प्रशिक्षण करवाएगा।
संकुल स्तरीय संघ का अपने ब्लॉक स्तर पर अपना प्रशिक्षण केंद्र होगा।
३.११ संकुल स्तरीय संघ के लिए संसाधन की व्यवस्था:-
संकुल स्तरीय संघ के स्तर पर हम अपने कोष की व्यवस्था निम्न स्त्रोत से करेंगें-
१. सदस्यता शुल्क, सेवा शुल्क, वार्षिक शुल्क, दान, शेयर पूंजी, बचत और स्वयं सहायता समूह सदस्यों का योगदान। (जो भी निर्धारित किया गया)
२. जेंडर/खाद्य/पोषण/स्वास्थ्य कोष।
३. स्टार्टअप फण्ड।
४. जोखिम निवारण निधि।
५. ब्याज (सी.आई.एफ.एवं अन्य कोष से)
६. सामूहिक रूप से किये जाने वाले व्यवसाय पर होने वाला लाभ।
७. ग्राम पंचायत एवं अभिसरण से प्राप्त कोष।
८. कम्युनिटी कैडर से प्राप्त सेवा शुल्क।
९. अन्य कोषों से अर्जित ब्याज।
१०. सरकारी, गैर सरकारी संगठन, बैंक और अन्य वित्तीय संस्थानों से सामान्य और विशेष उद्देश्य की पूर्ति के लिए प्राप्त अनुदान, दान और ऋण।
११. निवेश से आय।
३.१२ संकुल स्तरीय संघ के अभिलेखों का प्रबंधन:-
संकुल स्तरीय संघ का बचत खाता निकटतम बैंक की शाखा में खोला जाएगा जिसका निर्णय हमारे संकुल स्तरीय संघ के कार्यकारिणी समिति के द्वारा लिया जाएगा। हमारे संकुल स्तरीय संघ के तीन पदाधिकारी अध्यक्ष, सचिव, एवं कोषाध्यक्ष में से कोई दो संकुल स्तरीय संघ के बचत खाते का संचालन करेंगें। हमारे संकुल स्तरीय संघ आवश्यकतानुसार निम्न दस्तावेज अपने कार्यालय में रखेंगें।
१. कार्यवाही पंजिका- इसमें पालन की गई प्रक्रियाओ सहित सभी निर्णय सम्मिलित होते हैं। प्रतिनिधि निकाय की बैठक के लिए हम अलग से एजेंडा एवं कार्यवाही पंजिका का इस्तेमाल करेंगें।
२. सदस्यों के नाम और पते, सदस्यता रजिस्टर
३. बचत पंजिका,
४. उपस्थिति पंजिका
५. कैश बुक- इसमें तिथिवार सभी नकद लेनदेन (प्राप्ति एवं भुगतान) लिखे जाते हैं।
६. बैंक बुक- इसमें तिथिवार सभी बैंक लेनदेन (प्राप्ति या भुगतान) लिखे जाते हैं।
७. डिमांड कलेक्शन बैलेंस पंजिका (सामुदायिक निवेश निधि एवं बैंक लिंकेजके लिए)।
८. जोखिम निवारण निधि (वी.आर.एफ.) के लिए।
९. प्राप्ति एवं भुगतान वाउचर
१०. सामान्य लेजर:- सामान्य लेजर में सभी व्यक्तिगत लेजर, लाभ और हानि लेखा तथा विभिन्न परिसंपत्ति एवं देयता लेखा होते हैं।
११. समूह पास बुक।
१२. मासिक प्राप्ति एवं भुगतान विवरण/अन्य एवं व्यय विवरण मासिक प्रतिवेदन।
१३. उपसमिति की पंजिका।
१४. सामुदायिक काडर की पंजिका।
१५. मासिक बैंक समाधान विवरण।
१६. ऋण लेजर :- इसमें ऋण का विवरण और सभी स्वयं सहायता समूहों के पुनर्भुगतान का विवरण होता है।
१७. अचल संपत्ति पंजिका
१८. संकुल स्तरीय संघ द्वारा क्रय की गयी सामग्रियों की सूची
१९. संकुल स्तरीय संघ पर परिसंपत्तियों एवं देयताओं के अभिलेख
२०. खरीद बैठक रजिस्टर
२१. वार्षिक प्रगति प्रतिवेदन, वार्षिक ऑडिट रिपोर्ट, वार्षिक कार्ययोजन एवं वार्षिक बजट।
२२. मासिक सूचना प्रबंध प्रणाली और प्रगति रिपोर्ट
संकुल स्तरीय संघ के अभिलेख का आन्तरिक अंकेक्षण/सामजिक अंकेक्षण/ वैधानिक अंकेक्षण के लिए खुला होगा।
३.१३ सामाजिक और आजीविका से सम्बंधित संस्था:-
हम अपने सार्वभौमिक संस्था के अलावा आवश्यकतानुसार अन्य विशिष्ट संस्थाओं जैसे (सामाजिक संस्था, उत्पाद समूह, सहकारी समिति, यूनियन, उपक्रम आदि) का गठन करेंगें जो सदस्यों एवं उन के परिवारों के विभिन्न सामाजिक एवं जीविकापार्जन के आवश्यकता की पूर्ति करेगी।
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स्त्रोत- उत्तर प्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन, प्रेरणा लघु मार्ग दर्शिका २०२०
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