Wednesday, January 11, 2023

ग्राम पंचायतों हेतु वित्तीय व्यवस्था

 ग्राम पंचायतों हेतु वित्तीय व्यवस्था 

1- केंद्रीय वित्तीय आयोग (15 वां वित्त आयोग) एवं केंद्र सरकार की योजनाएँ यथा - मनरेगा, SBM(G), NSAP, PMGAY, राष्ट्रीय ग्राम स्वराज अभियान आदि से प्राप्त धनराशि

2- राज्य वित्त आयोग- (5वां वित्त आयोग) एवं राज्य सरकार की योजनाएँ, यथा- पंचायत भवन निर्माण, अन्त्योष्टि स्थल, स्वास्थ्य विभाग आदि से प्राप्त धनराशि

3- आय के अन्य स्त्रोत- कर/राजस्व, पुरस्कार, CSR (कारर्पोरेट सोशल रिस्पांसिबिलिटी) फण्ड


ग्राम पंचायत के रिकोर्ड एवं रजिस्टरों का रख रखाव


        उत्तर प्रदेश पंचायती राज नियमावली के अध्याय 4 में अभिलेख (रिकार्ड और उनका निरीक्षण) ग्राम पंचायत के द्वारा रखे जाने वाले अभिलेख (रिकार्ड) और रजिस्टर के सम्बन्ध में नियम 63 के अनुसार, 38 प्रकार के रजिस्टरों के रख रखाव एवं उनको संरक्षित रखने की समय सीमा निर्धारित की गयी है। इसी प्रकार नियम संख्या 205 के अनुसार 17 प्रकार के वाउचर और रजिस्टरों को संरक्षित करने की समय सीमा निर्धारित की गई है। जिसमें कुछ महत्त्वपूर्ण रजिस्टर/अभिलेखों का विवरण निम्नलिखित है-

*ग्राम पंचायत में आय व्यय की जानकारी हेतु- कोष का बहीखाता रजिस्टर 

*ग्राम पंचायत की प्राप्तियों की-रसीद बही 

*ग्राम सभा एवं ग्राम समितियों की बैठक हेतु-एजेंडा रजिस्टर 

*ग्राम पंचायत, ग्राम सभा तथा समितियों के बैठक की कार्यवृत्ति हेतु-कार्यवाही रजिस्टर 

*कार्य योजना के अनुसार सामग्री के क्रय हेतु-बिल वाउचर गार्ड फ़ाइल

*कार्य में लगाए गए मजदूरों की उपस्थिति हेतु-मस्टर रोल 

*निर्माण कार्य व कार्यालय में क्रय सामग्री हेतु- वस्तुओं का रजिस्टर(स्टॉक बुक)

*कार्य पूर्ण होने पर-कार्य पूर्ति का प्रमाण पत्र 

*कराये गए निर्माण कार्यों हेतु-सार्वजानिक निर्माण कार्य रजिस्टर 

*ग्राम पंचायत की अचल संपत्तियों के लिए-अचल संपत्ति रजिस्टर 

*ग्राम पंचायत के करों और दुसरे साधनों के मांग और वसूली हेतु-कर रजिस्टर 

*जन्म व मृत्यु और विवाह पंजीकरण-कुटुम्ब, जन्म, मृत्यु और विवाह पंजीकरण रजिस्टर 

*ग्राम पंचायत की वार्षिक आय व्यय की जाँच के लिए- ऑडिट रिपोर्ट 

* ग्राम पंचायत की वार्षिक कार्ययोजना (जी.पी.डी.पी.) की प्रति 


ग्राम पंचायतों का ऑडिट (नियम 256)

*आंतरिक (लेखा परीक्षक एवं सहकारी समितियों के द्वारा)

*वैधानिक (ए.जी. ऑडिट के द्वारा)

*सोशल ऑडिट(नागरिकों के द्वारा)

         भारत सरकार द्वारा अभिलेखों के रखरखाव एवं पंचायतों की कार्यप्रणाली को पारदर्शी एवं जिम्मेदार बनाने के लिए ऑनलाइन ऑडिट की व्यवस्था भी वित्तीय वर्ष 2020-21 से प्रारम्भ की गई है


स्त्रोत- ग्राम पंचायतों के प्रशिक्षण हेतु संदर्भ साहित्य, पंचायती राज विभाग, उत्तर प्रदेश, वर्ष 2021

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