Monday, January 16, 2023

पंचायत सिटिजन चार्टर (उत्तर प्रदेश) Panchayat Citizens Charter (Uttar Pradesh)

 पंचायत सिटिजन चार्टर

        भारत सरकार द्वारा दिनांक 04 जून 2021, को तत्कालीन केंद्रीय पंचायती राज मंत्री श्री नरेंद्र सिंह तोमर द्वारा मॉडल सिटिजन चार्टर का लोकार्पण किया गया। मुख्य सचिव, उत्तर प्रदेश शासन स्तर से निर्गत शासनादेश दिनांक 29 जुलाई 2021 से समस्त ग्राम पंचायत में सिटिजन चार्टर लागू करने के निर्देश दिये गये। शासनादेश के साथ मॉडल सिटिजन चार्टर राज्य स्तर से तैयार कर ग्राम पंचायतों को उपलब्ध कराया गया, जिसको ग्राम पंचायतों द्वारा अपनी आवश्यकता के अनुसार संशोधन करते हुए ग्राम पंचायतों में लागू किया गया। 

        विभिन्न विकास कार्यों के साथ-साथ जनसामान्य को मूलभूत सेवाएं उपलब्ध कराने की जिम्मेदारी पंचायतों को संविधान के आर्टिकल-243 (जी) से सौंपी गयी है। कुछ विशेष क्षेत्रों जैसे-स्वच्छता, पेयजल, विभिन्न विकास कार्यों एवं सामाजिक कार्य इत्यादि पर पंचायतों के द्वारा मूलभूत सेवाएं पूर्व से ही प्रदान की जा रहीं है। यह जरुरी है कि जनसामान्य को मूलभूत सेवाएं सुलभ एवं एक निश्चित अवधि के दौरान प्रदान की जाये एवं आमजन को उसकी जानकारी हो। इसके दृष्टिगत पंचायतीराज, भारत सरकार द्वारा एन.आई.आर.डी.पी.आर. के सहयोग से एक मॉडल पंचायत सिटिजन चार्टर-फ्रेमवर्क, पंचायतों को सौंपें गये, 29 विषयों के अन्तर्गत दी जाने वाली विभिन्न सेवाओं को सम्मिलित करते हुए एवं सतत विकास लक्ष्यों को भी ध्यान में रखते हुए तैयार किया गया है।

        सिटिजन चार्टर की सहायता से ग्राम पंचायत में सुशासन लागू किया जा सकता है, इसके प्रभावी क्रियान्वयन से विभिन्न सेवाओं को दिये जाने में सुधार, लोगों की शिकायतों का निस्तारण, पारदर्शिता तथा जवाबदेही को लागू किया जा सकता है। सिटिजन चार्टर के अन्तर्गत सेवा का नाम, सेवा का विवरण, सेवा दिए जाने की समयावधि, पंचायत द्वारा सेवा दिये जाने वाले कार्मिक का नाम व नम्बर इत्यादि सम्मिलित है।

        भारत सरकार द्वारा यह अपेक्षा है कि राज्य सरकार के दिशानिर्देश के अनुसार तथा ग्राम सभा के अनुमोदन के उपरान्त यह मॉडल चार्टर सभी ग्राम पंचायतों द्वारा दी जा रही मूलभूत सेवाओं हेतु बनाया जाये, जिससे कि निश्चित अवधि में मूलभूत सेवायें जनसामान्य को दी जा सके। इससे ग्राम पंचायतें जनसामान्य के प्रति जवाबदेही होगी। कार्यप्रणाली में पारदर्शिता आएगी तथा नागरिक अपने अधिकारों के लिए जागरूक होंगें। इस प्रकार ग्रामीण आबादी पर इसका एक महत्त्वपूर्ण एवं दूरगामी प्रभाव भी पड़ेगा। 

        प्रदेश की ग्राम पंचायतों हेतु तैयार किये गए सिटिजन चार्टर में निम्नलिखित बिंदु समाहित हैं:-

1- पंचायत का संकल्प और मिशन। ,

2-सेवा का नाम/विवरण/समयावधि/कार्मिक का नाम एवं सम्पर्क विवरण।

3- सेवा के मानक/सेवाएं प्राप्त करने की प्रक्रिया।

4- शिकायत निवारण प्रणाली तथा उच्चाधिकारी का विवरण। 

        प्रदेश में पंचायतों द्वारा विभिन्न सिटिजन चार्टर के अंतर्गत लगभग 44 सेवायें जनसामान्य को प्रदान की जा रही हैं, जिसमें स्वच्छता, पेयजल, विभिन्न विकास कार्य, स्ट्रीट लाइट, सामुदायिक भवन, जन्म-मृत्यु प्रमाण-पत्र, परिवार रजिस्टर की नक़ल इत्यादि सेवाएं प्रदान की जा रहीं हैं। 

स्त्रोत-सचिव, ग्राम पंचायत के प्रशिक्षण हेतु सन्दर्भ साहित्य, उत्तर प्रदेश २०२२ 

Wednesday, January 11, 2023

ग्राम पंचायतों हेतु वित्तीय व्यवस्था

 ग्राम पंचायतों हेतु वित्तीय व्यवस्था 

1- केंद्रीय वित्तीय आयोग (15 वां वित्त आयोग) एवं केंद्र सरकार की योजनाएँ यथा - मनरेगा, SBM(G), NSAP, PMGAY, राष्ट्रीय ग्राम स्वराज अभियान आदि से प्राप्त धनराशि

2- राज्य वित्त आयोग- (5वां वित्त आयोग) एवं राज्य सरकार की योजनाएँ, यथा- पंचायत भवन निर्माण, अन्त्योष्टि स्थल, स्वास्थ्य विभाग आदि से प्राप्त धनराशि

3- आय के अन्य स्त्रोत- कर/राजस्व, पुरस्कार, CSR (कारर्पोरेट सोशल रिस्पांसिबिलिटी) फण्ड


ग्राम पंचायत के रिकोर्ड एवं रजिस्टरों का रख रखाव


        उत्तर प्रदेश पंचायती राज नियमावली के अध्याय 4 में अभिलेख (रिकार्ड और उनका निरीक्षण) ग्राम पंचायत के द्वारा रखे जाने वाले अभिलेख (रिकार्ड) और रजिस्टर के सम्बन्ध में नियम 63 के अनुसार, 38 प्रकार के रजिस्टरों के रख रखाव एवं उनको संरक्षित रखने की समय सीमा निर्धारित की गयी है। इसी प्रकार नियम संख्या 205 के अनुसार 17 प्रकार के वाउचर और रजिस्टरों को संरक्षित करने की समय सीमा निर्धारित की गई है। जिसमें कुछ महत्त्वपूर्ण रजिस्टर/अभिलेखों का विवरण निम्नलिखित है-

*ग्राम पंचायत में आय व्यय की जानकारी हेतु- कोष का बहीखाता रजिस्टर 

*ग्राम पंचायत की प्राप्तियों की-रसीद बही 

*ग्राम सभा एवं ग्राम समितियों की बैठक हेतु-एजेंडा रजिस्टर 

*ग्राम पंचायत, ग्राम सभा तथा समितियों के बैठक की कार्यवृत्ति हेतु-कार्यवाही रजिस्टर 

*कार्य योजना के अनुसार सामग्री के क्रय हेतु-बिल वाउचर गार्ड फ़ाइल

*कार्य में लगाए गए मजदूरों की उपस्थिति हेतु-मस्टर रोल 

*निर्माण कार्य व कार्यालय में क्रय सामग्री हेतु- वस्तुओं का रजिस्टर(स्टॉक बुक)

*कार्य पूर्ण होने पर-कार्य पूर्ति का प्रमाण पत्र 

*कराये गए निर्माण कार्यों हेतु-सार्वजानिक निर्माण कार्य रजिस्टर 

*ग्राम पंचायत की अचल संपत्तियों के लिए-अचल संपत्ति रजिस्टर 

*ग्राम पंचायत के करों और दुसरे साधनों के मांग और वसूली हेतु-कर रजिस्टर 

*जन्म व मृत्यु और विवाह पंजीकरण-कुटुम्ब, जन्म, मृत्यु और विवाह पंजीकरण रजिस्टर 

*ग्राम पंचायत की वार्षिक आय व्यय की जाँच के लिए- ऑडिट रिपोर्ट 

* ग्राम पंचायत की वार्षिक कार्ययोजना (जी.पी.डी.पी.) की प्रति 


ग्राम पंचायतों का ऑडिट (नियम 256)

*आंतरिक (लेखा परीक्षक एवं सहकारी समितियों के द्वारा)

*वैधानिक (ए.जी. ऑडिट के द्वारा)

*सोशल ऑडिट(नागरिकों के द्वारा)

         भारत सरकार द्वारा अभिलेखों के रखरखाव एवं पंचायतों की कार्यप्रणाली को पारदर्शी एवं जिम्मेदार बनाने के लिए ऑनलाइन ऑडिट की व्यवस्था भी वित्तीय वर्ष 2020-21 से प्रारम्भ की गई है


स्त्रोत- ग्राम पंचायतों के प्रशिक्षण हेतु संदर्भ साहित्य, पंचायती राज विभाग, उत्तर प्रदेश, वर्ष 2021